सुत्रो ने बताया कि आरक्षण में कटौती होने से समाज के लोगों में सरकार के प्रति आक्रोष है लेकिन कुछ लोगो का कहना है कि इससे समाज में जागरूकता आई है। अब राज्यभर के सतनामी एकजूट होने लगे है और समाज में एकरूपता लाने सामाजिक सर्वे करने का सिलसिला जारी है। प्रांतिय संचालक सदस्य सेवकराम बांधे, डी.आर. बांधे, लखनलाल कोसले ने बताया कि छत्तीसगढ़ सतनामी समाज के प्रातिय कार्यसमिति को संचालक मंडल कहा जाता है इसमें रायपुर के सेवा निवृत अधिकारी-कर्मचारी बड़ी संख्या में षामील है बैठक में उन्होने बताया कि डेढ़ वर्श पहले इस प्रकार की समिति गठित करने का निर्णय लिया गया था और 12 सेवा निवृत कर्मचारियों के दल ने मिलकर समाज को संगठित करने का बिड़ा उठाया और आज हम इसे मूर्त रूप देने जा रहे है। 2013-14 में समाज के सर्वे कार्य पूर्ण हो जायेगा उसके बाद समिति का विधिवत संचालन किया जायेगा। प्रांतिय संचालक सदस्य एन.आर. टोंडर ने बताया कि सतनामी समाज छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख समाज है लेकिन हमारी संख्या आंकड़ों में कितनी है और कहां कहां है इसकी लिखित में कोई जानकारी नही है जिसकी संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने व समाज में एकरूपता लाने के लिये पहले सर्वे कराने की आवष्यकता महषूस की गई।
प्रांत के बैठक में सारंगढ से चंद्रषेखर जाटवर, लोचन प्रसाद जांगड़े एवं दीनानाथ खुंटे प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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