रविवार, 29 जुलाई 2012

प्राथमिक शाला भवन निर्माण का कार्य अपूर्ण है


 विकासखंड के कई विद्यालय आज भी भवन विहिन

सरंगढ़।
शिक्षा की बेहतरी के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद भी शिक्षा  मं गुणात्मक परिवर्तन कर पाने में नाकाम है। जिसके कारण से सारंगढ़ विकासखंड के कई विद्यालय आज भी भवन विहिन व मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।  ग्राम पंचायत पिण्डरी दुखुपाट में प्राथमिक शाला भवन निर्माण का कार्य अपूर्ण है। भवन के अभाव में बच्चे तालाब और खाई के बीच बने मंगल भवन में पढ़ाई करने के लिये मजबुर है। बरसात के निदो में दूखुपाट का रास्ता किचड़ में तब्दील हो जाता है। मंगल भवन के मार्ग में अनगीनत खाई नुमा घुरवा बना है जिसमें पानी भरा है छोटे-छोटे बच्चों को इन मार्गाें से प्रतिदिन आना जाना पड़ता है।
 स्कूल के शिक्षक शशीभुशण सिंह उर्फ गौतम लहरे ने बताया कि हमें हरपल बच्चों पर नजर रखना पड़ता है, स्कूल आते समय पालक पहुचाने आते है छूटटी होने पर हम रास्ता पार कराते है। हर समय डर बना रहता है कि कोई बच्चा बाहर न चला जाये। ग्राम पंचायत पिण्डरी के सरपंच पति षषीचंद महेष ने कहा कि स्कूल भवन षिघ्र वनाया जाय उन्होंने दुखूपाट में सी.सी. सड़क निर्माण कराने की बात कही। विदित हो कि पिण्डरी दुखुपाट में प्राथमिक षाला भवन के लिये 3.10 लाख रुपये की लागत से इसके लिए भवन निर्माण कार्य कराये जाने की स्वीकृति जिला षिक्षा विभाग ने दी थी। उक्त स्थान पर निर्माण कार्य आरंभ तो हुआ परंतु लंबे समय बाद भी कार्य पूर्ण नहीं हो सका। बताया गया कि राशि के अभाव में इसके निर्माण कार्य को बीच में रोक दिया गया। इधर स्कूल के प्रधान पाठक ने कहा कि राशि के अभाव में निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है। जैसे ही द्वितिय किस्त मिलेगा कार्य प्रारंभ हो जायेगा।


सरंगढ़। 29 जुलाई 2012
ग्राम पंचायत बड़े हरदी में सर्व षिक्षा अभियान के तहत हाई स्कूल का निर्माण करने की योजना लटक गई है। जबकि सरकार द्वारा इसके लिये 28.19 लाख की राशि भी दी गई है। चिरप्रतीक्षित इस महत्वपूर्ण हाई स्कूल निर्माण में देर होने से क्षेत्र के लोगों में असंतोष बढ़ने लगा है। इस योजना के लिए पिछले एक साल से जमीन तलाशने का काम किया जा रहा है। पटवारी रिकार्ड देखने के बावजूद ये काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। वर्तमान प्रस्तावित स्थल पर निव खुदाई का कार्य होने के बाद कुछ विकास विरोधी लोगों ने इस भूमि को छोटे झाड़ का जंगल बता कर कोर्ट से निर्माण रूकवाने के लिये स्टे लगवा दिया है जिससे निर्माण कार्य रूक गया है स्कूल भवन नही होने से छात्र-छात्राओं को भारी परेषानियों के बिच षिक्षा ग्रहण करना पड़ रहा है। ग्राम पंचायत के द्वारा अन्य स्थल पर निर्माण करने के लिए जगह की तलाश नहीं की गई है।
सूत्रों के अनुसार हाई स्कूल निर्माण के लिए एक दो स्थानों को चुना गया था। इन स्थानों पर जमीन के विवादित होने की जानकारी मिलने पर निमा्रण एजेंसी को पीछे हटना पड़ा। इधर बड़े हरदी के नागरिकों का कहना है कि षिक्षा विभाग चाहे तो साई पारा की जमीन पर हाई स्कूल का निर्माण कर सकता है। लेकिन आज तक इसका कार्य प्रारंभ नहीं होने को लोगों ने विभागीय उदासीनता का परिचायक बताया है।

मंगल भवन निर्माण में अनियमितताए


मंगल भवन की गुणवत्ता में अनदेखी 


सारंगढ़।
विकास खण्ड सारंगढ़ के ग्रामीड़ क्षेत्रों में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यो की गुणवत्ता में कमी व राशि आहरण कर काम नही कराने जैसी अनियमितताए क्षेत्र के सरपंच - सचिव करने लगे है। ग्राम पंचायत बड़े हरदी के आश्रित गा्रम महकमपुर में अनुमानित 6 लाख की लागत से बनाए जा रहे मंगल भवन की गुणवत्ता में अनदेखी की गई है।
दिवाल में घटिया दर्जे की ईटों का उपयोग किया गया है, जो बरसात के पानी में घुलने लगे है।

खिड़की दरवाजे की हालत जर्जर हो गई है। इसके अलावा निर्माण कार्य लम्बे समय से रूके होने से ग्रामीणों में नाराजगी है। ग्रामीणों का आरोप है कि मंगल भवन सात साल बीतने के बाद भी अधूरा है। यदि यह भवन निर्माण पूरा हो जाए तो लोगों को कई कामों के लिए सुविधा हो जाएगी। स्थानीय निवासी मंगल महेष, अजित कमार हरिप्रिय ने बताया कि इस काम में ग्राम पंचायत द्वारा घोर लापरवाही बरती गई है। एक सरपंच का पूरा कार्यकाल समाप्त हो गया दूसरे सरपंच को तीन साल हो गये पर काम नही हुआ। गांव के प्रेरक जगनाथ ने बताया कि इसके लिये कई बार षिकायत किया गया है ग्राम सुराज अभियान में भी मामले को उठाया गया पर आज तक कोई कायवाई नही हुई, मंगल भवन बनने से पहले ही जर्जर हो गई है, लगता है कि अब यह नही बन पायेगा। सुत्रों से पता चला है कि जनपद पंचायत के द्वारा इसके निर्माण चालू कराने के लिये ग्राम पंचायत को पिछले दिनों चेक प्रदान किया गया था लकिन उक्त चेक को सरपंच ने गिरवी रख दिया है जिस कारण राशि आहरण नही हो पाया है। और काम जस का तस।



शुक्रवार, 27 जुलाई 2012

मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे विद्यार्थी


सारंगढ़। 

शिक्षा सत्र प्रारंभ हो चूका है। हर साल की तरह इस बार भी पालकों की जेब हल्की हो गई है। स्कूल फीस, बस्ते, किताबों और कॉपियों के दाम बढ़ गए हैं। अधिकांश स्कूलों में शैक्षणिक शुल्क में भी बढ़ोतरी हुई है। साथ ही किताबें व यूनिफॉर्म भी निश्चित दुकान से खरीदने की शर्त भी पालकों के सामने है। इस कारण किताबों की कमी बताकर दाम ज्यादा भी वसूले जाने की सूचना मिली है।
बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ाने की चेष्टा में संपन्न वर्ग के पालक इस खर्च को वहन भी कर रहे हैं। लेकिन हम बात कर रहें हे ग्रामीण अंचल की यहां अधिकांश पालकों की शिकायत है कि कक्षा 1 से 8 तक में छत्तीसगढ़ की पुस्तकों के अलावा अन्य पूस्तकों की सूची स्कूल प्रबंधन थमा देता है। इनका कोई खास उपयोग नहीं रहता है। इससे छोटी-छोटी कक्षाओं की सभी किताबें ही 1500 रुपए तक में मिल रही है। इसके अलावा स्कूलों में एक माह का औसतन शैक्षणिक शुल्क 800-1700 रुपए प्रति बच्चे के उपर खर्च आ रहा है। फिर किताबें, कॉपी, पेन, स्कूल ड्रेस, जूते सहित अन्य सुविधाओं का भार अलग से है।

षिक्षा की बेहतरी के लिए केंद्र की सरकार सर्व शिक्षा अभियान में करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद भी गुणात्मक परिवर्तन कर पाने में नाकाम है। जिसके कारण से   सारंगढ़ विकासखंड के कई विद्यालय आज भी भवन विहिन व मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। क्षेत्र के ग्राम पिण्डरी, दूखुपाट में प्राथमीक विद्यालय भवन निर्माण के लिये 3.10 लाख रू. की राशि स्वीकृत है जिसकी प्रथम किस्त में भवन अधुरा बऩा है। और निर्माण कार्य काफी दिनों से बंद है इस संबंध में सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार न्युजपत्रिका ने विद्यालय के प्रधानपाठक से मामले की पुछ परख की तब पता चला कि मामला ब्लाक स्तर के उपयंत्रियों की मनमानी का है।
प्रधानपाठक ने बताया कि द्वितिय किस्त निकालने के लिये इंजिनियर के पास एम.बी. व फाईल जमा किया गया है। परंतु उनके तरफ से कोई प्रत्युत्तर नही मिला है। जैसे राशि आयेगी काम षुरू हो जायेगा।
विदित हो कि यह गांव अनुसूचित जाति बाहुल्य है, ऐतिहासिक जमाने की अनेक रहस्यों को समेंटे हुये आज भी विकास की बाट जोह रहा है यहां के जागरूक समाजसेवी पूर्व उपसरपंच रामदेव कुर्रे ने कहा कि यह तो षासकिय कार्य में लापरवाही है अब तक तो भवन तैयार हो जाना था, जनपद स्तर के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के फलस्वरूप विद्यार्थी आज भी खाई और तालाब के बिच बने मंगल भवन में फर्श या फटी टाटपट्टियों पर बैठकर षिक्षा अध्ययन को मजबूर हैं।
कई विद्यालय तो ऐसे हैं जहां भूमि समतली करण नही किया गया है इसके अभाव में बारीष होने पर छात्रों को बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। विद्यालय के बाहर यहाँ- वहाँ कचरे का ढेर बिखरे पड़े रहते हैं। इस कारण बच्चों में संक्रामक बिमारियां होने की संभावना बनी हुई है।

हर दिल में हो समरस्ता की भावना: दीनानाथ


 सारंगढ़। 
रामदेव कुर्रे, आशाराम निराला,  दीनानाथ खुंटे 
हिन्दू संस्कृति विष्व की आदि संस्कृति है। इसका लाखों वर्शो का इतिहास है। भगवान श्री रामचंद्र जी युग पुरूश है, उनके नाम केे स्मरण से ही मानव जन्म का उद्धार हो जाता है। भगवान राम का जीवन मर्यादा का अद्वितिय उदाहरण है। वे जीवन मूल्यों को उच्च आदर्ष पर स्थापित करने वाले है। यह बात मधुबन ग्राम में सोमवार से चल रहे अखंड रामायण कथा के समापन अवसर पर धर्म जागरण के पं. भूशणदास वैश्णव ने कही। उन्होंने सभी समाज के लोगो को भाईचारा बनाकर रहने की सलाह दी।
रामायण कथा के समापन अवसर पर धर्म जागरण समन्वय विभाग के खण्ड संयोजक दीनानाथ खुंटे ने कहा कि ईसाई या मुष्लिम धर्म में मतांतरित हो जाने से परस्पर संबंध खत्म हो जाते है। खान पान में भी अंतर हो जाता है। उच नीच का व जातिय द्वेष बढ जाता है। जिसके फलस्वरूप समाज मंे अषांति का वातावरण हर समय बना रहता है। इसलिये समाज में समरस्ता लाना बेहद जरूरी है। मानव-मानव एक साथ मिलके मैत्री पूर्वक रहें इससे बड़ा कोई धर्म नही है। भेदभाव को त्याग कर हर दिल में समरस्ता की भावना जगे इसके लिये प्रयास करना चाहिये। कोई भी सतनामी मतांतरित न हो इसके लिये समाज में जागरण का कार्य निरंतर चलते रहना चाहिये।
सतनाम परियोजना के खण्ड प्रमुख रामदेव कुर्रे ने समाज में रामायण के प्रति प्रेम को बताया कि छत्तीसगढ़ के इस पावन माटी में ही भगवान राम का ज्यादातर वनवास काल गुजरा है हमारी संस्कृति आदिकालिन है। इसका प्रमाण भी मिलने लगे है। यहा पर रामनामी समुदाय के लोगों का निवास है। वे पूरी तरह से रामायणी संत हैं। समाज में एकरूपता लाने व धर्मांतरण रोकने के लिये परियोजना के माध्यम से इस प्रकार के आयोजन करते रहेंगे। जिससे समाज संगठित होकर एकता के मार्ग पर चले।


राम कथा का आयोजन रेमराय रात्रे ठिकादार के निवास पर आयोजित था। गांव में रास्ता खराब होने के कारण प्रातिय कार्यकर्ता मनोज लहरे उपस्थित नही हो सके उन्होंने अपने स्थान पर खण्ड के परियोजना प्रमुख को भेजा उनके साथ रामनामी आश्रम बड़े हरदी के संत बालकदास जी महाराज भी कार्यक्रम में षामील हुये।


तीन द्विवसीय रामकथा में पं. टीकाराम रात्रे, गणेषराम सोनवानी छूहीपाली, आषाराम निराला खुरघटी, पूरनदास मानिकपुरी, समारूदास बड़े हरदी, लालकुमार सिदार भेड़वन, रामाधार जोल्हे सहित अनेक मानस प्रेमी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम के समापन पर इसके सफल आयोजन के लिये जागरण विभाग को गांव के मिलापराम, खोलबहरा, रोमलाल रात्रे सहित उपस्थित अतिथियों को आभार प्रेशित किया ।


धंस गई गैस सिलेंडर से भरी ट्रक


 सारंगढ़। 
हरदी। सारंगढ़ - रायगढ़ रोड पर इंडेन गैस से भरा ट्क सड़क किनारे के घर से टकराने से बाल-बाल बचा। घटना रात्री 8 बजे का है जब लोग घर में विश्राम कर रह थे। सामने से तेज गति से आ रही लाईन ट्क को साईड देने के फेर में वाहन सड़क किनारे बनी नाली में फस गई हादसे में किसी को चोट नही आई है लेकिन इंडेन गैस प्रबंधन की लापरवाही को टक की खस्ता हालत साफ बयां करती है।


उल्लेखनिय है कि बड़े हरदी बस स्टैंड के पास फंसा टक क्रमांक C.G.-04-G- 5017 इंडेन गैस लोड करके सिलतरा रायपुर से पिछले सात दिनों से इतवारी बाजार रायगढ़ के लिये निकला था। दुर्ग निवासी 62 वर्शिय वाहन चालक गनेष यादव ने रोते हुये ‘पत्रिका‘ को बताया कि गाड़ी की टायर पूरा खराब है बरसात में लंबी दूरी चलने के लायक तो बिलकुल भी नही है। रायपुर से निकले एक सप्ताह हो गया है न ठीक से खाना मिला है और न ही सोने को मिला क्योंकि गाड़ी में गैस सिलेंडर भरा है और सुरक्षा जाली भी टूटा पड़ा है चोरी न हो इस कारण रात-रात भर जगना पड़ता है। गाड़ी का टायर हर 50 किलोमिटर मंे भ्रश्ट हो जाता है, मै अकेला हूं कोई हेल्फर भी नही है। 62 वर्शिय वाहन चालक यादव ने अपने दाये हाथ दिखाते हुये बोला कि मेरे इस हाथ में फैक्चर है जिस कारण स्टेयरिंग काटने में परेषानी हाता है। प्रबंधन से छुट्टी मांगा पर नही मिली।
घटना के संबंध में चालक यादव ने बताया कि सामने तेज गति से लाईन से ट्क आ रहे थे उन्होंने लाईट डिपर नही की और अचानक एक लाईन टक वाले ने कट मार दी अपनी जान बचाने के फेर में गाड़ी किनारे किया तो चक्का फिसल कर नाली में फंस गया। सामने से आ रही टक की लाईटें इतनी तेज थी कि पता ही नही चल रहा था कि यहां पर गडढा है। अगर मैं गाड़ी निचे नही उतारता तो वह मुझे टक्कर मार कर भाग जाता।
उल्लेखनिय है कि रसोई गैस की किल्लत की खबरें तो आये दिन अखबारों में छपते रहती हैं। पर इंडेन प्रबंधन को इससे कोई वास्ता नही होता क्योंकि वे तो गैस लोड करके रवाना कर चुके होते है, अब गैस डिलरों तक पहुचे या न पहंुचे इससे कोई मतलब नही। 61 वें बसंत पार कर चुके बुजुर्ग वाहन चालक जो षारीरिक रूप से अस्वस्थ है उनके साथ कोई हेल्फर नही और कंडम गाड़ी, लगभग 300 गैस सिलेंडर से भरा है सोचिये अगर आमने सामने टक्कर हो जाती तब क्या होता। इस प्रकार अनेक खस्ताहाल वाहन सड़क पर रोज चलते है जिसके कारण गंभीर दूर्घटनाएं घटती हैं और सड़क बन जाता है डैथ वे।

अघोषित बिजली कटौती से गांव-शहर में आक्रोश


सरंगढ़। 
अघोषित बिजली कटौती ने शहर से गांव तक के लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। उपभोक्ताओं में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। उक्त बातें जनपद सारंगढ़ के सरपंच संघ सचिव भाजपा युवातुर्क नेता मनोज लहरे ने कही। उन्होंने कहा कि पिछले 10-15 दिनों से बिजली का शेड्यूल गायब हो गया है। सुबह से शाम तक बिजली काट दी जा रही है। इससे जहां लघु उद्योग धंधे प्रभावित हो रहे हैं वहीं घरों में महिलाओं और बच्चों का रहना दुश्वार होता जा रहा है।

युवा मोर्चा ने बिजली की अघोषित कटौती के विरोध में बिजली वितरण केंद्र गुड़ेली में नारेबाजी करते हुए बिजली विभाग को जमकर कोसा। जिला. कार्यकारिणी सदस्य  हरिनाथ खुंटे ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली विभाग द्वारा जमकर मनमानी की जा रही है। बिजली आने जाने का कोई निश्चित समय नहीं है। दो चार दिन से बेहिसाब कटौती की जा रही है। इस कारण पेयजल की भी किल्लत हो रही है। इससे आम जनता बुरी तरह त्रस्त है। उमस भरी गर्मी में लोगों का बुरा हाल हो रहा है। भीषण गर्मी से संक्रामक रोगों की भी आशंका हो रही है। उन्होंने कहा कि अगर कटौती बंद नहीं की गयी तो छात्र उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

इस अवसर पर मुकेष कुर्रे, धरम अजगल्ले, नरेस चैहान, कृश्णा महिलाने, सहित भारी संख्या में युवा मोर्चा के कार्यकर्ता मौजूद रहे।

ग्राम पंचायत छोटे खैरा में पिछले एक पखवाड़े से अंधेरे का साम्राज्य है। गाव के मिटरधारी उपभोक्ता बिजली का बिल भी समय पर जमा कर देते है इसके उपरांत भी 15 दिनों में टांसफार्मर नही बदला जा सका। विजली विभाग के कर्मचारी जल्दी लगाने के नाम पर चढ़ावा की मांग कर रहे हैं। गांव में खेती-बाड़ी का काम चल रहा है, लोगों का जमा पैसा खेतो में लग रहा है इस कारण चंदा भी गांव में नही हो पा रही है।
एसे में कब तक टांसफार्मर लगेगा इसकी सर्वत्र चर्चा है। विदित हो कि यह गांव पूर्व लोकसभा सांसद गुहाराम अजगल्ले का निवास स्थान है तथा भाजपा की प्रदेष मंत्री प्रेमा अजगल्ले का भी गृह ग्राम है।

नगर के आधा दर्जन मुहल्लों में खुलेआम बिजली चोरी हो रही है। जब तहसील मुख्यालय का यह हाल है तो फिर देहात की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। दिन भर लुकाछिपी के कारण ग्राम-नगर में मुश्किल से चार-आठ घंटे ही ठिक ढंग विद्युतापूर्ति होती है।


मनरेगा कार्य मे घोर लापरवाही, जांच के लिए टीम पहुची कौवाताल


 बिना बोर्ड धड़ल्ले से चल रहे कार्य 

सारंगढ़। विकास खण्ड सारंगढ के अंर्तगत ग्राम पंचायत कौवाताल मे षासकीय कार्यो का जनाजा निकल गया है, कौवाताल पंचायत मे सरपंच परदेषी की लापरवाही व अनियमिमता के कारण कई कार्य अभी तक फाईलों मे बंद है, कई कार्यो का राशि गबन हो गया है तथा कई कार्य एैसे है जिसका फर्जी मस्टर रोल तैयार कर राषी आहरण करने कि योजना है।


प्राप्त जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत कौवाताल के आश्रित ग्राम खुडूभांठा के पंचो द्वारा सरपंच के भ्रश्टाचार व काम सही वक्त मे न करवाने के तथा किये गये कार्य का सही समय मे भुगतान न कर पाने के कारण तंग आकर षिकायत किया गया है। तथा फर्जी मस्टर रोल से पैसे निकालने की षिकायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सारंगढ के समक्ष किया गया है
जिसमे षिकायतकर्ताओ के द्वारा मांग कि गई है जनपद पंचायत मे पेस किया गया मस्टर रोल पुर्णतः फर्जी है। उक्त दोनो कार्य के लिए मस्टर रोल मे दर्षाये गये रकम के मुताबिक नही हुआ है। द्वितिय श्रेणी सडक निर्माण कार्य स्वीकृत लम्बाई चैडाई अनुरूप् न किया जाकर कम लम्बाई मे कर पूर्ण स्वीकृत राषी का मस्टर रोल स्वयं सरपंच अपने व अपने परिवार जनो के नरम से लगभग 10000 हजार रूप्ये तक इन्द्रज किया गया है। यह कि प्रस्तुत मस्टर रोल मे रामजिवन पिता धुराउ, दुलेष्वर आदी का नाम मस्टर रोल मे दर्षाया गया है जबकी वे उक्त मे काम करने के लिए गये ही नही है,एैसे और कई फर्जी नामों को दर्षाकर सरपंच के द्वारा राषी आहरित करने कि कोषिष कि गयी है।
षिकायतकर्ताओ के षिकायत पर जांच के लिए जांच अधिकारी के रूप मे आये अनिल कत्याल समन्वयक, सुमित राजपूत उपयंत्री, रमेष सोनी आडीटर पंचायत ने कार्य स्थल पर पहुच कर सडक के लम्बाई,चैडाई व उचाई का मापा गया जिसे स्वीकृत मापढण्ड से कम पाया गया साथ ही निर्माण स्थल पर कार्य सूचनांक जिसमे कार्य एजेन्सी का नाम, मजदूरी, लागत, कार्य कराने कि अवधी सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी उल्लेखित रहता है के लिए बोर्ड नही पाया गया है। जिसे प्रथम दृश्टिया ज्ञात होता है कि कार्य अंधेर नगरी मे कराया गया है। जांच अधिकारीयो के मौके का मुवायना करने पर ग्रामिणो ने बताया के तालाब गहरीकरण से निकाले गये मिटटी को मेड के अलावा अन्य स्थानो मे खेतो मे डाला गया है जो मनरेगा कार्य के अंर्तगत नही आता है। इस प्रकार मनरेगा के तहत द्वितिय श्रेणी सडक निर्माण प्रषा. स्वीकृती 506900 के लिए आवष्यक मापढण्ड को नही अपनाया है तथा कार्य स्थल पर बोर्ड नही लगाया गया है, साथ ही मिटटी कार्य को कराने के तय सिमा के अंदर नही कराया गया है,तथा उक्त कार्य का भी फर्जी मस्टर रोल तैयार रि जनपद मे प्रस्तुत किया गया।
गौरतलब हो कि इससे पूर्व सरपंच के विरूद्ध कई बार षिकायत की जा चकी है परन्तु भ्रश्टाचार के कारण उचित जांच नही हो पाई और पंचायत के सरपंच को पुनः लापरवाही करने का अवसर मिल गया। एैसे षिकायतो का सही मंषा से जांच कर आरोपियो को सजा मिल जाये कांई दोबारा निर्माण कार्य मे लापरवाही करने का हिम्मत नही कर पयेगा।

मस्टर रोल मे मेरा नाम लिखा गया है जो पृर्णतः फर्जी है, उक्त तिथि को मैने तालाब गहरीकरण एवं द्वितिय श्रेणी सडक निर्माण कार्य मे उपस्थित नही था सरपंच द्वारा मेरा नाम फर्जी तरिका से लिखा गया है।
रामजीवन लहरे मनरेगा के तहत कराये गये कार्य मे उपस्थित नही था न ही मेरे परिवार का कोई सदस्य उपस्थित था फिर भी सरपंच व अन्य के द्वारा मस्टर रोल मे मेरा नाम लिखा गया है,साथ और कई लोगो का फर्जी ढंग से नाम को जोडकर सरकार को हजारो का नुकसान पहुचाया जा रहा है।

सतनामी समाज के निर्विरोध निर्वाचन पर विवाद


 सारंगढ़ ।  सतनामी विकास परिशद सारंगढ़ में सामाजिक संगठन के पदाधिकारियों का सर्व सम्मति से निर्विरोध चयन किया गया। समाज के लोग परिशद को क्षेत्र की राजनीति में कितना महत्वपूर्ण मानते है, इसका सबसे बड़ा प्रमाण यही है कि यहां टूकड़ो में विभाजित सतनामीयो को एकत्र कर पाने की कोई पहल किसी भी स्तर पर नही की जा रही है। बहुजन समाज पार्टी इन दिनों अलग अलग गुटों में विभाजित है बसपा के प्रदेष उपाध्यक्ष बहन कामदा जोल्हे अपने चार पांच समर्थकों के साथ बसपा को पार लगाने का असफल प्रयास कर रहीं है। दूसरी ओर जनपद अध्यक्ष के पति पूर्व मंडी अध्यक्ष ष्यामसुन्दर रात्रे अपनी परिशद में सामाजिक सक्रीयता सेे सारंगढ़ भाजपा में पुनः वापसी की संभावनाओं के साथ जोड़ कर चल रहे है। तिसरी ओर कांग्रेस का वह उपेक्षित तबका है, जो वर्तमान प्रभावषाली नेताओं द्वारा कुचला जा चुका है। परिशद अपनी तीन टांग लगातार फसाता रहता है। समाज में कुछ वरीश्ठ नेता एसे भी है, जो केवल समाज के साथ होने के कारण लगातार पीसे जा रहे है। 
यह कहना कि सतनामी परिशद अपनी दिषा खो रही है, गलत होगा, लेकिन यही गलती सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर युवाओं को कमजोर बना रही है। भलाहे सतनामी समाज में परिशद का चुनाव निर्विरोध सम्पन्न हो गया हो लेकिन कार्यक्रम के अंत मे निले रंग के गुलाल को तिलक में स्तेमाल किया गया इससे समाज में दलगत भावना को बल मिली और कई सामाजिक नेता व अधिकारी वर्ग कार्यक्रम से बाहर हट गये। पत्रिका को सूत्रों से मालूम हुआ कि परिशद का निर्वाचन 22 जुलाई को होना था मगर कुछ लोगों की उपस्थिति में इसे नामंकन के दिन 15 जुलाई को ही निर्विरोध चयन कर दिया गया इससे पंजीकृत सदस्य अपने मताधिकार हनन का आरोप लगा रहे है। 
ग्राम डोमाडिह के सेवा निवृत्त षिक्षक मेहरूराम बंजारे परिशद के निर्विरोध अध्यक्ष बने, उपाध्यक्ष के लिए ग्राम टेंगनापाली के बौधिश्ठ नरेष बौद्ध तथा सारंगढ़ कन्या छात्रावास अधिक्षिका हेमलता जोल्हे महिला उपाध्यक्ष चुनी गई। ग्राम छर्रा से षिक्षाकर्मी संघ के जगराम लक्ष्में परिशद के सचिव बने व सह सचिव के पद पर ग्राम छिन्द के सामाजिक कार्यकर्ता ढूलेंद्र भारद्वाज का नाम सर्व सम्मती से पास हुआ वही कोशाध्यक्ष के पद पर षिक्षकर्मी संघ के उपाध्यक्ष भागीरथी भारद्वाज का चयन समाज के निर्वाचन अधिकारियों ने आम राय बना कर की।
परिशद के निर्विरोध निर्वाचन को समाज का एक वर्ग अपनी एकता की ताकत बता रहा है तो वहीं विभिन्न राजनीतिक दल से जुड़े लोग इसे समाज को तोड़ने की साजिस के रूप में देख रहे है। सतनाम संदेष यात्रा से चर्चा में आये पिण्डरी के पूर्व उप सरपंच रामदेव कुर्रे ने परिशद चुनाव को ढकोसला बताया उन्होंने कहा कि परिशद चुनाव के लिये चारो प्रत्यासी पिछले एक माह से जन समर्थन जुटाने में लगे थे लेकिन अचानक नाटकीय ढंग से सारे पदाधिकारियों का निर्विरोध चयन किया जाना अनेक संदेह को जन्म देता है। श्री कुर्रे ने कहा कि कुछ लोग परिशद को अपना राजनीतिक हथियार के रूप में स्तेमाल करते है संगठन की आड़ में अधिकारी वर्ग मनमाना करने लगता है। इस कारण समाज के लोगों ने समिति की संरचना को ही नकार दिया है और कोई इस पर भरोसा नही करता है।
पूर्व सांसद गुहाराम अजगल्ले, क्षेत्रिय विधायक पदमा घनष्याम मनहर, भाजपा संगठन के प्रदेष मंत्री प्रेमा अजगल्ले, भाजपा पष्चिम मंडल के दबंग नेता नंदराम लहरे ने परिशद से दूरी बनाये रखा बताया गया कि अंतिम तक वे प्रक्रिया से बाहर ही रहे जो चर्चा का विशय बना रहा। वहीं भाजपा नेता दीनानाथ खुटे भारत भूशण जोल्हे व मनोज लहरे की खमोषी ने सबको हैरान कर दिया।
पूर्व विधायक कामदा जोल्हे की कुषल नेतृत्व का प्रतिफल है जो आज समाज ने झूठा ही सही पर एकता का स्वाद तो चखा। वे पूरे कार्यक्रम के दौरान अपने मोबाईल से फोटो खिंचती रही तथा इस पल को यादगार बनाने के लिये नवनिर्वाचित पदाधिकारियों ने जहां उत्साह में आकर निले रंग की गुलाल का प्रयोग किये तो उनकी अंतस की दलगत भावना सामने आ गई और लोग धिरे धिरे खिसकने लगे अब यह देखना है कि नये पदाधिकारी क्या समाज में एकरूपता ला पाते है या नही।
परिशद की बैठक में मायाराम प्रवीड़, एम.आर. कठौतिया, बी. आर. घृतलहरे,कृश्णचंद भारद्वाज, नंदीनी वर्मा, करमलाल निराला, अंतराम जांगड़े, लोचन प्रसाद जांगड़े, धनियाराम लक्ष्मे, रामसुरत भारद्वाज, फिरत कुर्रे, जमुना वारे सहित समाज के राज महंत व भारी संख्या में सतनामी समाज के गणमान्य लोग उपस्थित रहे। 

मानदेय नहीं मिलने से अंषकालिन स्वीपर परेशान



सारंगढ़। विकासखंड में प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं के अंषकालिन स्वीपरों को मानदेय ही नहीं मिल पाया है। एक-दो नहीं बलिक सात माह अंषकालिन स्वीपरों ने बिना मानदेय के ही निकाले। बजट आने के बावजूद इन स्वीपरों के चेक नहीं दिए जा रहे हैं। ऐसे में अंषकालिन स्वीपर परेशान हैं। स्वीपर की नौकरी अस्थायी होने से शिकायत भी नहीं कर पा रहे हैं। संबंधित विभाग के अनुसार जल्दी ही भुगतान होगा। 

गौरतलब है कि सारंगढ़ विकासखंड की विभिन्न प्राथमिक व माध्यमिक विधालयों में अनेक युवक बतौर अंषकालिन स्वीपर की सेवाएँ दे रहे हैं। चूँकि इनके मानदेय के भुगतान का अधिकार विकासखंड शिक्षा अधिकारी को है। ऐसे में अधिकारी के कार्यालय से हो रही लापरवाही के कारण कर्इ अंषकालिन स्वीपर अपने मानदेय से वंचित रह गए हैं। अंषकालिन स्वीपरों ने नाम प्रकाशित नहीं करने के आग्रह पर बताया कि हम लंबे समय से सेवाएँ दे रहे हैं किंतु मानदेय का भुगतान नहीं हो रहा है।
इसकी वजह यह है कि वहाँ प्राचायोर्ं को राशि आहरण का अधिकार नही है, परिणामस्वरूप विकासखंड के अंषकालिन स्वीपरों के समक्ष आर्थिक तंगी की सिथति बन गर्इ है।

अंषकालिन स्वीपर संघ के अध्यक्ष अजित कुमार मिरी ने बताया कि बहुंत दिनों सें वेतन नही मिलने के कारण घर में भूखमरी की नौबत है पहले दैनिक मजदूरी करके गुजर बसर कर लेते थे, पर अब यहीं काम कर रहें है इस कारण परिवार का आर्थिक स्वरूप बिगड़ने लगा है। जल्द ही वेतन नही दिया गया तो अंषकालिन स्वीपर संघ आंदोलन के लिए मजबूर होगा।

इस संबंध में विभाग के सह. षिक्षा अधिकारी चेतन पटेल ने बताया कि बजट प्राप्त हो चुका है, बिल व्हाउचर बनाया जा चूका है, जल्दी भूगतान किया जायेगा। जिन अंषकालिन स्वीपरों का मानदेय नहीं मिला है, उनके चेक बना दिए जाएँगे। कुछ अंषकालिन स्वीपरों के मानदेय के चेक बना भी दिए हैं। उन्होने बताया कि खण्ड षिक्षाधिकारी के स्थानातरण होने के कारण भूगतान में विलंब हुआ है।

जनपद पंचायत सारंगढ़ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जदुवीर सिंह राम ने कहा कि मामला षिक्षा विभाग का है इस कारण इसकी जानकारी मुझे नही है। अच्छा होगा कि आप षिक्षा अधिकारी से जानकारी ले लें ।

बुधवार, 25 जुलाई 2012

हरदी के कन्या छात्रावास में अव्यवस्था चरम पर


सारंगढ़
देश  का हर बच्चा शिक्षित हो उसका सर्वांगीण विकास हो जिससे वे अच्छे व समृद्धषाली राश्ट् के निर्माण में भागीदार बन सके, इसके लिये केन्द्र व राज्य की सरकार द्वारा अनेक कल्याणकारी योजनायें चलाये जा रहें है, लेकिन षासन की योजनायें धरातल पर फिसड्डी ही साबित हो रहे है। विकास खण्ड सारंगढ़ के अंतर्गत ग्राम पंचायत बड़े हरदी के कन्या छात्रावास में अव्यवस्था और लापरवाही चरम पर है। पालकों की शिकायत पर ‘खूंटे न्यूज‘ टीम ने शनिवार को छात्रावास का दौरा की तो पता चला कि सन् 2007 याने पांच साल से चल रहे इस अनुसूचित जाति प्री. मैटीक कन्या छात्रावास का अपना भवन नही बना है और किराये की जो मकान पर यह संचालित है वह रायगढ - सारंगढ़ राजमार्ग से महज 10-15 कदम की दूरी पर है, मकान में कहीं पर सूचना बोर्ड नही लगा है छात्रावास का बोर्ड कबाड़ में पड़ा मिला। भवन के दोनों तरफ बड़े-बड़े गड्ढे है जिस पर पानी भरा रहता है जहां पर कभी भी गंभीर दुर्घटना घट सकता है।
छात्रावास अधिक्षिका श्रीमती पूजा सिदार 
इस बारे में छात्रावास अधिक्षिका श्रीमती पूजा सिदार ने बताया कि बालिका षिक्षा और स्वास्थ्य की महत्ता के अनुरूप 50 छात्रों को रखने के लिये छात्रावास की क्षमता नही है। वर्तमान में यहां 27 छात्राओं का दाखिला है। इनमें से कई छात्राये अन्य विकास खण्ड से यहां भर्ती है। श्रीमती सिदार ने बताया कि यहां पर बिजली, पानी और निस्तारी की विकराल समस्या है एक ब्यक्ति को दिनभर सिर्फ पानी भरने के लिये ही रखा गया है जो लगभग डेढ किलोमिटर से कांवर में पानी भर कर लाता है। लड़कियों को नहाने के लिये दो किलोमिटर दूर पैबल चल कर तालाब जाना पड़ता है जिससे उनकी पढ़ाई- लिखाई प्रभावित हो रही है। उन्होंने चिंता ब्यक्त की कि षासन के आदेष से छात्राओं की संख्या बढ़ाने की कवायद पर छात्रावास की बदहाली पानी फेर सकती है।

छात्रा दिब्या मैत्री,  सुनिता मधुकर  
छात्रा दिब्या मैत्री कक्षा 10वीं व सुनिता मधुकर कक्षा 9वीं ने जानकारी दी कि यहां पर नहाने - खाने की पानी का भारी समस्या है। बिजली की वायरिंग पुरानी है इस कारण पंखे नही चल रहे है। उन्होंने कहा कि दिन तो कट जाता है पर रात नही कटती। यहां पर कभी कोई डाॅक्टर स्वास्थ्य परिक्षण करने नही आते है तब्यत बिगड़ने पर छोलाछाप डाॅक्टर से ईलाज कराना पड़ता है। इसके अलावा सड़क किनारे होने के कारण हर समय गाड़ी मोटर की आवाज आती है जो पढ़ाई में ब्यवधान पैदा करती है। छात्राओं ने षासन से नये भवन निर्माण कर ब्यवस्था में सुधार लाने की आवष्यकता बताइ्र्र।
भागीरथी महंत
दैनिक मजदूरी पर काम करने वाले भागीरथी महंत व मोंगराबाई सिदार ने बताया कि हमें छैः महिने से वेतन नही मिला है साहब ने कहा है कि बैंक में अपना खाता खोलना पड़ेगा तभी मिल पायेगा हमें खाता खोलने में भी कई परेषानियो का सामना करना पड़ रहा है।
खण्ड के षिक्षा अधिकारी को इन सब से कोई लेना देना नही है और ना ही कोई जनप्रतिनिधि का ध्यान इस तरफ जाता है यह चिंता का विशय है। एसे हालातों के मद्धेनजर स्वास्थ और षिक्षा के क्षेत्र मंे गंभिरता से काम किया जाना चाहिये। तथा छात्रों में विभिन्न बीमारियों से बचने तथा रोज उत्पन्न होने वाली कई समस्याओ के प्रति जागरूकता पैदा करनी चाहिये।

मंगलवार, 24 जुलाई 2012

अखंड रामायण पाठ का आयोजन


सारंगढ़  23 जुलाई ।  ग्राम पंचायत मधुवन में तीन दिवसीय अखंड रामायण पाठ का आयोजन किया गया है। सोमवार षाम से बुधवार रात्री तक ब्यास गद्दी में धर्म जागरण विभाग के खंड सांस्कृती प्रमुख पं. भूशणदास वैश्णव जी विराजमान रहेंगे। कार्यक्रम में क्षेत्र के समस्त मानस प्रेमियों को आमंत्रित किया गया है। उक्त आयोजन रेमराम रात्रे के निवास पर आयोजित है। धर्म जागरण विभाग सारंगढ़ के खंड प्रमुख दीनानाथ खुंटे, विधि प्रमुख भारतभूशण जोल्हे व सतनाम परियोजना के प्रांतिय कार्यकर्ता मनोज लहरे कार्यक्रम मे उपस्थित रहेंगे। उक्ताषय की जानकारी विभाग के मिडिया प्रमुख हरीनाथ खंटे ने दी।

आवारा पशुओं के खेतों में घूसने को लेकर गरीब किसान लामबंद


सारंगढ़ । 
 ग्राम पंचायत कौवाताल में लोग आवारा पशुओं के खेतों में घूसने को लेकर लामबंद होने लगे है। चारागाह की कमी ने यहा किसानों में विवाद की स्थिति निर्मित कर दी है। लोगों ने गाव में समुहिक बैठक आयोजित कर गुढ़ी के माध्यम से गांव के समस्त पषु पालकों को बताया गया कि कोई भी किसान अपनी पषु को खेतों में आवारा न छोड़े जिससे किसी भी किसान का फसल बर्बाद न हो पाये।
 गांव के सियान 71 वर्शिय बुल्लू सिदार ने वार्ड पंच और सरपंच को आवारा पषु से होने वाले नुकसान के संबध में बताया कि गांव के गरीब किसान भाई बड़ी मेहनत मजदुरी करके अपना खेती बाड़ी का काम करते है। गांव में ज्यादातर लोग खेती पर ही निर्भर है, उसके उपरांत भी लोग अपने पालतु पशुओं को आवारा छोड़ देते है जिससे वह खेतों में घूसकर फसल को बरबाद करते है। श्री सिदार ने कहा कि कुछ लोग जानबूझ कर अपने गाय-बैल को खेतों की ओर छोड़ कर आ जाते है और मना करने पर तुम्हे क्या करना है कह कर लड़ाई-झगड़ा करने लगते है। इस कारण से गांव में हर समय विवाद की स्थिति बना हुआ है। श्री सिदार ने साफ षब्दों में सरपंच को चेताया कि यदि आज के बाद किसी का भी पशु आवारा घूमते हुये मिला तो उसे गांव में गुड़ी बैठ कर दंडित किया जाय और प्रभावित खेत मालिक को फसल का मुआवजा दिलाने की भी ब्यवस्था करें।
 गांव के लोंगो ने उक्त बात के समर्थन में कहा कि गांव से बाहर अन्य गाव के लोगो तक इसकी खबर करना चाहिये जिससे दुसरे गाव वाले भी अपना जानवर बांध कर रखे। गाव के जागरूक युवा राकेष तिवारी ने कहा कि हम सभी अपने गाय-भैंस को चार माह घर में ही बांध कर रखेंगे क्योंकि गांव में तो चारागाह अब बचा नही है। जहां पर गाय चारागाह था वहां पर अब तालाब, सड़क और मकान बन चूका है। पिछले कई सालों से गाय, बैलों को घर में ही रखना मजबूरी बन गई है। पंचायत तो भ्रश्ट है यहां गौ गठान का न होना और अनेक निर्माण कार्यो का अब तक पूरा न होना इसका प्रमाण है।
 अधिवक्ता प्रफुल तिवारी ने सख्त लहजे मे कहा कि कल से गांव में रखवार नियुक्त कर खेतों की निगरानी किया जाय और किसी का जानवर आवारा मिले तो उसे कांजी हाउस में डाल दिया जाय, इसी के साथ उन्होंने पंचायत के काम काज पर भी उंगली उठाते हुये सरपंच से कहा कि अगर ठिक तरह से विकास कार्य नही कराया और अधिकारियों से सांठ-गांठ कर भ्रश्टाचार किये तो इसकी उच्च स्तर पर षिकायत की जायेगी। 
ग्राम पंचायत के सरपंच परदेषी बंजारे ने बताया कि कल से दो ब्यक्ति की नियुक्ति पंचायत के द्वारा की जायेगी वे गांव के सुआना का रखवारी करेगें। उन्होंने कहा कि कोटवार को मूनादी करने के लिये कहा जा चुका है इसके बाद अगर षिकायत मिले तो उचित कार्यवाई किया जायेगा।
गाव के गूढ़ी में सुखनंदन सिदार, पराउ यादव, भागवत प्रसाद तिवारी, रोस तिवारी, दिलिप तिवारी, भानू तिवारी, पूर्व पंच मनीलाल रौतिया, महेष्वर जायसवाल, षहदेव सिदार, सूखनंदन सोनी, साधूराम बंजारे, नरेष चैहान, सुरज, तिजउ, संजय एवं सुरेंद तिवारी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीड़ उपस्थित रहे।

पिण्डरी में अव्यवस्था और लापरवाही चरम पर

सारंगढ़ ,

विधान सभा क्षेत्र सारंगढ़ इन दिनों भ्रश्टाचार का गढ बन गया है। गांव  से लेकर षहर तक सब षासन की रकम डकारने में लगे हुए है। अनु.जाति बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण यहां अ.जा.विकास प्राधिकरण की मद से ढेरों कार्य स्वीकृत हुये है पर कोई भी काम ऐसा नही जो निधा्ररित मापदण्ड पर खरा उतरे। जनपद पंचायत सारंगढ़ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी ग्राम पंवायतों की हालत लगभग समान हैं। यहां सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि मोटे कमिषन लेने के उपरांत कार्य हो न हो इसपर ध्यान नही देते है, जिस कारण से अनेकों महत्वपूर्ण कार्य योजना क्षेत्र में फैल हो चूका है।
 ग्राम पंचायत पिण्डरी के सरपंच द्वारा कराये गये अनेक निर्माण कार्य गुणवत्ता को ताक में रख कराये गये है। यहां के गलियों में सिमेंट कांक्रीट से निर्मित सड़कें तो बनी है परंतु उनके उपर मिट्टी और काई जम जाने के कारण सड़क पर चलना दुभर हो गया है। बरसात पूर्व गांव की गलियों व नालियों को साफ सुथरा करने के लिये षासन द्वारा पंचायत को मूलभूत की राशि दिया जाता है जिसका पंचायत प्रतिनिधि द्वारा स्वहित में उपयोग किया जाता है। गांव की गलि में बरसात के पानी भर जाने के कारण तथा नाली के अभाव में सड़क में पानी जमा हो जाने से वहां काई जम गया है जिससे आवागमन में बाधा उत्पन्न हो रहा है। वहीं आदिवासी बालक आश्रम षाला पिण्डरी में अव्यवस्था और लापरवाही चरम पर है। विद्यार्थियों की षिक्षा स्वास्थ्य की महत्ता के अनुरूप छात्रावास की सफाई व्यवस्था नही दिखती। भवन के पिछे का दिवाल व  बाउंडरीवाल में पानी इस कदर भरा है कि यह जगह गटर में तब्दील हो गया है। 
छात्रों की संख्या बढ़ाने की कवायद पर अश्रम शाला  की सफाई व्यवस्था पानी फेर सकती है। गांव के नालियों की सफाई भी संतोशजनक नही है। विद्यार्थियों के अलावा आने जाने वालों को पैदल चलते वक्त कचरे से निकलने वाली बदबू के कारण नाक पर कपड़ा रख कर आगे बढ़ना पड़ता है। इस बारे में ग्राम पंचायत के पूर्व उप सरपंच रामदेव कुर्रे ने बताया कि छात्रावास की सफाई के लिये कहने पर अधिक्षक कहता है कि हमारे पास फण्ड नही है, आश्रमषाला के बालक रात में मच्छरों के कारण पढ़ाई करने व चैन की नींद के लिये तरस रहे है। यहां पर नहाने खाने की पानी का भी समस्या है हैंड पंप है पर पानी प्रदुशित हो गई है एक हैंडपंप में समर्सिबल डाल दिया गया है जो कई महिनों से खराब है छात्रों को निस्तारी के लिये आश्रम से दूर तालाब जाना पड़ता है। खण्ड के षिक्षा अधिकारी को इन सब से कोई लेना देना नही है और ना ही कोई जनप्रतिनिधि का ध्यान इस तरफ जाता है यह चिंता का विशय है।
गाव के गली में अनेक स्थलों पर गंदगी पसरी हुई है इससे ग्राम पंचायत पिण्डरी की छवी धूमिल होगी। एसे हालातों के मद्धेनजर स्वास्थ और षिक्षा के क्षेत्र में गंभिरता से काम किया जाना चाहिये। तथा छात्रों में विभिन्न बीमारियों से बचने तथा रोज उत्पन्न होने वाली कई समस्याओ के प्रति जागरूकता लाने की आवस्यकता है.