शुक्रवार, 24 अगस्त 2012

सुंसपा का एक द्विवसिय धरना संपन्न



 सारंगढ़ जिला निर्माण के लिये धरना संपन्न


सारंगढ़। सुन्दर समाज पार्टी द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर आयोजित एक द्विवसिय धरना कार्यक्रम सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम में राज्य सरकार की विफलताओं को मुद्दा बनाया गया वहीं केन्द्र सरकार की दमनकारी नीतियोें और संविधान की गलत व्याख्यों को लेकर पार्टी के नेताओं ने केन्द्र और राज्य सरकार को जमकर कोसा। सारंगढ़ को जिला बनाने में राज्य षासन द्वारा किये गये भेदभाव को जनता के सामने प्रमुखता से उठाया गया। अपने उद्बोधन में सुंदर समाज पार्टी के राश्द्रीय अध्यक्ष हरिलाल पटेल ने कहा कि सारंगढ़ प्रत्येक दृश्टिकोण से जिला बनने के योग्य होते हये भी जिला नही बन सका ? क्षेत्र की सड़को का हालत खराब है बेरोजगारी इस कदर बढ़ गई है कि लोग आत्महत्या करने मजबूर है। राज्य में आज उद्योग धंधे की कमी नही है लेकिन स्थानिय लोगों को इसका लाभ नही मिल पा रहा है। श्री पटेल ने बताया कि पार्टी के पंजियन के समय किये गये वायदे भूले नही है उन्होंने कहा कि हम भारतीय संविधान में निहित प्रावधानों के अनुरूप ही जनहित में मांग कर रहे है। हमारी पार्टी की पहली प्राथमिकता है कि जन जन में संविधान का प्रचार हो लोग अपने अधिकार और कर्तव्य को जाने ताकि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ में भी बाबा साहेब भिमराव अंबेडकर के द्वारा किये गये दलित उत्थान के कार्यो की जानकारी उपलब्ध हो सके और लोग आने वाले समय में अपने पसंद के उम्मिद्वार को क्षेत्र से चुन के भेजे जिससे राज्य में सत्य की स्थापना हो सके। उन्होने कहा कि सारंगढ़ सत्य की ज्ञान स्थली है यहां से परमपुज्य गुरू घासीदास जी को सद्ज्ञान की प्राप्ती हुई थी लेकिन राज्य षासन ने इस क्षेत्र की जिस प्रकार उपेक्षा की है इससे क्षेत्र के लोगों में काफी आक्रोष है।
 संुदर समाज पार्टी अगर सरकार में आती है तो क्षेत्र के आमजनों को दिये जाने वाले पेंषन की राशि में बढ़ोत्तरी की जायेगी और समस्त पंेषनों की राशि 2000 रूपये करने की घोशणा पार्टी ने अपने चुनावी घोशणा पत्र में करने जा रही है इसके लिये कार्यकर्ताओं को संगठित होकर मिषन 2013 के लिये कार्य करने की बात कही। इससे पहले कार्यक्रम में पार्टी के राश्द्रीय कार्यकारी अध्यक्ष पीलाराम अनंत ने अपने संबोधन में कहा कि अखिल ब्रम्हांड में सत्य ही सबसे सुंदर है और जो सत्य के मार्ग में चलते है उनके लिये सुन्दर समाज पार्टी का निर्माण किया गया है।
सारंगढ़ क्षेत्र को आजादी के बाद जिला बनाया जाना था पर ऐसी क्या कारण है कि यह क्षेत्र आज भी जिला के गौरव से कोसों दूर है उन्होंने बताया कि आजादी के बाद से आज तक यह क्षेत्र अति पिछड़ा क्षेत्र बना हुआ है। पिछले 40 सालों से इस क्षेत्र को जिला बनाने के लिये विभिन्न दलों के द्वारा राजनीति की जाती रही है किन्तू राजनीतिक दुभा्रवनावष सारंगढ़ को जिला नही बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य का विकास वहां की सड़कों के उपर निर्भर करता है।
आज छत्तीसगढ़ में सड़कांें की स्थिति किसी से छिपी नही है। गांव से लेकर षहर तक सड़कें जानलेवा हो चूकी है जहां पर लोग अक्सर दुर्घटनाओं का षिकार हो रहे है। भ्रश्टाचार के उपर प्रहार करते हुये श्री अनंत ने कहा कि छत्तीसगढ़ पूरी तरह से भ्रश्टाचारियों का गढ़ बन चुका है, षासन-प्रषासन से जुड़े लोग खुलेआम भ्रश्टाचार को बढ़ावा दे रहे है। कोई भी काम बिना लेन-देन के नही हो रहा है। सभी विभागों में भ्रश्टाचार व्याप्त है। राश्द्रीय संगठन मंत्री रामकुमार अजगल्ले ने बेरोगारी की समस्या को उठाया उन्होने कहा कि अलग राज्य बनने के बाद यहा बड़े पैमाने पर उद्योगों का स्थापना हुआ है लेकिन विडंबना है कि अब तक क्षेत्र के होनहार युवक बेरोजगार घूम रहे है पलायन रोक पाने में सरकार पूरी तरह असफल है उन्होंने कहा कि आने वाले समय में छग की जनता इसका मुहतोड़ जवाब देगी। सुन्दर समाज बनाने का सपना पार्टी ने देखा है और इसे मूर्त रूप देने के लिये पार्टी प्रयासरत है आज लोगों की उपस्थिति ने राज्य सरकार केे प्रति अपने विरोध को प्रदर्षित किया है। हम सारंगढ़ को जिला बनाने के लिये वचनबद्ध है
उक्त कार्यक्रम केे मुख्य अतिथि सुसपा के राश्द्रीय अध्यक्ष हीरालाल पटेल रहे, विषिश्ट अतिथि के रूप में सुसपा प्रमुख पीलाराम अनंत, राश्द्रीय महामंत्री द्वय नरसिंह राव एवं उत्तम कुमार डनसेना और कार्यक्रम के अध्यक्षता के लिये पार्टी के प्रदेष अध्यक्ष चन्द्रषेखर यादव और प्रदेष उपाध्यक्ष आंगनबाई वैश्णव, रामबाई लहरे सहित अन्य अतिथि जिसमें प्रदेष संगठन मंत्री मंगलदास वैश्णव, प्रदेष सचिव कमलकिषोर तिवारी, कार्यकारिणी सदस्य कुमारी पटेल, समारीन बाई साहू, सुनिता वारे, ललिता वारे, कु. लक्ष्मी जांगड़े, कु. रोहिणी, सुश्मा राव, चन्द्रमणि साहू, सुरज गप्ता, तपोधन पटेल, खेमराज पटेल, किरीत राम गौटिया, छतराम अजगल्ले, जयराम मैत्री एवं समस्त कार्यकर्ता गण बड़ी संख्या में उपस्थ्ति रहे। उक्त कार्यक्रम में आम जनता की भी विषेस तौर पर उपस्थिति रही जो नगर में चर्चा का विशय बना रहा।

छात्रावास भवन खंडहर में हो गया तब्दील


खस्ता हाल हो गई बालक छात्रावास की हालात



सारंगढ़। स्थानिय खेलभाठा मैदान स्थित 50 साल पूराना छात्रावास भवन व कार्यालय संरक्षण के अभाव से खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। बताया जाता है कि 1959 में निर्मित होने के बाद 1960 से यहां छात्रावास संचालित किया जा रहा है। लेकिन आज भवन की हालात खराब है। प्रि.मै. एवं पो. मै. अनुसूचित जाति बालक छात्रावास भवन की स्थिति देखकर पत्रिका टीम ने कहा कि ऐसे में तो जानवर भी नहीं रह पाएंगे। छात्रों से लगातार मिल रहे षिकायतो के चलते बुधवार को छात्रावास का निरीक्षण करने पहुंचे थे। निरीक्षण के दौरान बालक छात्रावास के तीनों खण्डों में कई खामियां सामने आईं। छात्रावास के कमरों में छतों से पानी टपक रहा था। दीवारों से भी पानी रिस रहा था। बालकों के लिए बैठने और सोने के लिए छात्रावास में एक भी कमरा सही हालत में नहीं पाया गया। निरीक्षण के दौरान बालकों ने बताया कि दीवारों से पानी कमरों में आने से पलंग पर बैठकर रात गुजारना पड़ता है। उन्होंने बताया कि गीली दीवारों से करंट आने का खतरा हमेशा बना रहता है। छात्रावास के बरामदे की छत जगह-जगह से टपक रही थी, जिससे बालकों को कमरे से बाहर निकलने में भी परेशानी होती है। छात्रों ने बताया कि बिजली कटौती के बाद अंधेरे में रहना पड़ता है। छात्रावास के आसपास बारिश का पानी जमा होने से मच्छरों की भरमार है। वहीं जहरीले जीव-जंतुओं का भी खतरा बना रहता है। ग्रामीण अंचल के प्रमुख युवा नेता दीनानाथ खुंटे ने भी छात्रावास की दयनीय स्थिति देखकर इस संबंध में कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि छात्रावास की मरम्मत किए सालों हो गए, जिसके कारण छात्रावास की छत और दीवारें कमजोर पड़ गई हैं।





गृह उद्योग बन गया शराब बनाने का कारोबार



सारंगढ़। जनपद क्षेत्र के दर्जनों गांवों में कच्ची शराब बनाने का धंधा गृह उद्योगों का रूप ले चुका है। इससे जहां एक ओर युवाओं में नशे की लत बढ़ रही है तो वहीं महिलाएं व बच्चे प्रताड़ना का षिकार होने लगे है।
तहसील क्षेत्र के भिखमपुरा, छर्रा, हिर्री व गोड़म इलाके में शाम ढलते ही घरों में शराब की भट्टियां धंधकने लगती हैं। देखने को मिला है कि इस काम को महिलाएं भी अंजाम देने में पीछे नहीं रहती हैं। पुरुषों की अपेक्षा इन्हें पुलिस का भी डर कम रहता है। गांव में पुलिस की आने की सूचना इन कारोबारियों को पहले ही हो जाती है। हालात यह है कि घर की रसोई में ही शराब बनाई जाती है। पुलिस के पहुंचने पर ये महिलाएं बच्चों को आगे कर भाग खडी होती हैं। क्षेत्र के गांव भेड़वन, खुड़ूभाठा, महकमपुर, हरदी, हिर्री, खुर्सी, गोड़म, भिखमपुरा, खैरा बड़े, छर्रा, छतौना आदि गांवों में कच्ची शराब बनाने का कारोबार गृह उद्योग की भांति सालों से फूलफूल रहा है। शिकायत के बावजूद आबकारी महकमे व स्थानीय पुलिस कार्रवाई से कतराती है। कई मर्तबा छापे पड़े और कईयों ने जेल की हवा भी खा ली पर षराब बनाना नही छोड़े कुछ लोग तो इसे अपना व्यवसाय मान कर चलते है। जिससे अब क्षेत्र की महिलाए आक्रोशित है और इनके खिलाफ मुहिम चलाने की योजना बना रही है। इस संबंध में हमारे संवाददाता
ने बताया कि ग्राम पंचायत भिखमपुरा के महलिाओं ने सरपंच के घर चैपाल लगाकर कच्ची शराब से तौबा करने की कसम खाई है। और यहां के महिलाओं ने ऐलान किया है कि न शराब बनाएंगे और न ही बनाने देंगे। पूर्व जनपद सदस्य श्रीमती फूलनदेवी कुर्रे ने कहा कि गांव के दुकान में महुआ मिलता है जिससे लोग आसानी से षराब बनाने लगे है और महुवे का ;पासद्ध कचरा स्कूल किनारे व सड़क किनारे डाल रहे है जिससे आसपास बदबू फैला रहता है, स्कूली छात्रों को नाक में कपड़ा बांध कर पढ़ाई करना पड़ रहा है इससे गाव की छवी धूमिल होने लगी है।
इस अवसर पर सारंगढ़ जनपद पंचायत के पूर्व सदस्य श्रीमति फुलनदेवी कुर्रे, सरपंच श्रीमती लक्ष्मीन कुर्रे, पूनीबाई, चमेली खुटे, राधाबाई, सुनिता, बुधियारिन एवं सुनती चैहान सहित बड़ी संख्या में महिलाये उपस्थित रही।
क्षेत्र के सरपंचों ने कहा_____________________________
1. बारबार समझाने से भी कोई नही मानते है और तुम्हे क्या करना है कहते है इस कारण बोलना ही बंद कर दिये है। महिलाए सामने आए तो आंदोलन करेंगे।
श्रीमति लक्ष्मीन कुर्रे, सरपंच भिखमपुरा
2. षराब बनाने की जानकारी तो नही है लेकिन फिर भी लोग नजाने कहां कहा से पीकर आते है और हुड़दंग मचाते है इन पर कार्यवाई होने चाहिये।
श्रीमति रेवती पटेल, सरपंच हरदी
3. षराब बंद कराने के लिये गांव-गांव में महिलाओं को संगठित होेकर आंदोलन करने की जरूरत है, इससे बदलाव जरूर होगा। परदेषी बंजारे, सरपंच कौवाताल
4. हमारे पंचायत में षराब बनाना व बेचना मना है। षिकायत मिलने पर गांव में सामूहिक रूप से जुर्माना लिया जाता है अन्यथा समाज से बहिस्कृत करने का भी प्रावधान है इससे गांव में ऐसी हालत नही है।
सुरंजन बंजारे, सरपंच ग्वालिनडीह
5. गांव मे समिति बना है वे षराब, जुआ सटटा व अन्य आपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण करते है। पंचायत में ऐसी मामला अबतक नही आया है।
श्रीमति ललिता महेष, सरपंच पिण्डरी

मंगलवार, 21 अगस्त 2012

छत्तीसगढ़ सतनामी समाज में आई है जागरूकता


सारंगढ। छत्तीसगढ़ सतनामी समाज की सामाजिक सर्वे का जिम्मा जिले के प्रमुख कार्यकर्ता चंद्रषेखर जाटवर एवं उनकी टीम को सौपा गया है। पिछले दिनों राजधानी में प्रांत स्तरिय बैठक आयोजित की गई थी जिसमें सारंगढ़ को संघ की तर्ज पर जिला माना गया और जिले की कार्यकारिणी में सतनामी विकास परिशद सारंगढ़ के पूर्व अध्यक्ष चन्द्रषेखर जाटवर अधिवक्ता को जिला सारंगढ़ का प्रथम अध्यक्ष नियुक्त करते हुये उनसे जिले की सामाजिक सर्वे व सदस्यता संबंधित कार्य को समय सीमा में पूरा करने कहा गया है। 


सुत्रो ने बताया कि आरक्षण में कटौती होने से समाज के लोगों में सरकार के प्रति आक्रोष है लेकिन कुछ लोगो का कहना है कि इससे समाज में जागरूकता आई है। अब राज्यभर के सतनामी एकजूट होने लगे है और समाज में एकरूपता लाने सामाजिक सर्वे करने का सिलसिला जारी है। प्रांतिय संचालक सदस्य सेवकराम बांधे, डी.आर. बांधे, लखनलाल कोसले ने बताया कि छत्तीसगढ़ सतनामी समाज के प्रातिय कार्यसमिति को संचालक मंडल कहा जाता है इसमें रायपुर के सेवा निवृत अधिकारी-कर्मचारी बड़ी संख्या में षामील है बैठक में उन्होने बताया कि डेढ़ वर्श पहले इस प्रकार की समिति गठित करने का निर्णय लिया गया था और 12 सेवा निवृत कर्मचारियों के दल ने मिलकर समाज को संगठित करने का बिड़ा उठाया और आज हम इसे मूर्त रूप देने जा रहे है। 2013-14 में समाज के सर्वे कार्य पूर्ण हो जायेगा उसके बाद समिति का विधिवत संचालन किया जायेगा। प्रांतिय संचालक सदस्य एन.आर. टोंडर ने बताया कि सतनामी समाज छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख समाज है लेकिन हमारी संख्या आंकड़ों में कितनी है और कहां कहां है इसकी लिखित में कोई जानकारी नही है जिसकी संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने व समाज में एकरूपता लाने के लिये पहले सर्वे कराने की आवष्यकता महषूस की गई।
 श्री टोंडर ने बताया कि समिति ग्रामीण स्तर पर 11 सदस्यों की टोली बनायेगी जिसमें समाज के राज महंत व भंडारी को भी षामील किया जायेगा उनके माध्यम से खण्ड स्तर पर समिति का संचालक मंडल बनेगा खण्ड के गठन पष्चात जिले की गठन होगी जिनके द्वारा प्रांत का संचालन समिति बनेगी इस प्रकार यह समिति निचे स्तर से उपर की ओर जाने वाली होगी इसमें समाज के प्रत्येक लोगों की भागीदारी सुनिष्चित की गई है।
जिला सारंगढ़ में चंद्रषेखर जाटवर के नेतृत्व में समाज का सर्वे कार्य चल रहा है। बताया जा रहा है कि खण्ड स्तर पर संचालन समिति गठित की जा चूकी है और जल्दी ही ग्राम स्तर पर भी संगठन किया जायेगा समाज के प्रबुद्ध लोगों ने इस कार्य की प्रषंसा की है और प्रत्येक घर को इसमें षामील होने कहा गया है।
प्रांत के बैठक में सारंगढ से चंद्रषेखर जाटवर, लोचन प्रसाद जांगड़े एवं दीनानाथ खुंटे प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

सोमवार, 20 अगस्त 2012

मंगल भवन मे संचालित हो रहा है छर्रा का हाई स्कूल


 54 लाख की प्रषासकीय स्वीकृति पर बोर्ड लगाना जरूरी नही समझा


सारंगढ़। आजादी को 65 वां वर्श पूर्ण हो गया परन्तु हमारे देष मे आज भी षिक्षा और षिक्षा के बुनियादी सुविधाओ से छात्र कोसो दूर है। आजादी के बाद कई सरकार आई और चली गई परन्तु देष के भविश्यो पर किसी का ध्यान नही गया। षिक्षा के स्तर को बढाने के लिये केन्द्र व राज्य सरकारो द्वारा न जाने कितनी योजनाऐ बनाई गयी परन्तु जमीनी स्तर पर आज भी हमारा हाल जस का तस बना हुआ है। सारंगढ तहसील के अंर्तगत ग्राम पंचायत छर्रा मे षासकीय हाई स्कूल भवन का निर्माण कार्य पी.डब्ल्यू.डी. की देखरेख में कछुवे की गति से चल रहा है। जिस कारण से यहां के छात्र मंगल भवन और पंचायत भवन मे पढाई करने को मजबुर है।
वहीं प्राथमीक व माध्यमीक षालाओं के अतिरिक्त भवन का निर्माण कार्य भी पिछले चार सालों से लटका पड़ा है। सुत्रों से ज्ञात हुआ कि पंचायत के सरपंच द्वारा अतिरिक्त भवन बनाने के लिये राशि आहरण किया जा चूका है। परन्तु सरपंच के द्वारा अभी तक बाकी निर्माण कार्य को पूरा नही किया गया है। विदित हो कि यह स्कूल भवन पिछले कई वर्शो से आधा बना पडा है कई बरसात के पानी से स्कूल के दिवारो के ईटो पर काई जम चुकी है।
अधुरे निर्माण कार्य को बिना जांचे परखे मुल्यांकन करने वाले अधिकारीयो की देन है कि आज गरीब परिवार के बच्चे फूटपाथ मे पडाई कर रहे है औॅर रसुकदार परिवार के बच्चे बडे बडे पब्लिक स्कूलो मे पड रहें है। वैसे तो मंगल भवन मे संचालित इस विद्यालय मे कई षिक्षक है जो खुद ही बदहाली का मार झेल रहे है। सरपंचो द्वारा कार्य न करा पाने कि सजा बच्चो को मिल रहा है।

गौरतलब है कि जहां एक ओर सरकार षिक्षा के क्षेत्र को बढाने के लिए करोडो अरबों पैसा पानी की तरह बहा रहा है तो दुसरी ओर स्कुली छात्रो को आज तक बुनियादी सुविधा नही मिल पाई है।

क्या कहते है ग्रामीण-
स्कूल भवन निर्माण में घटिया इ्रंट खपाई जा रही है जिससे भवन की मजबूती खतरे में है। मंगल भवन और पंचायत भवन में पढ़ाई करने छात्रों को बेहद परेषानी हो रही है। भवन निर्माण षिघ्र पूर्ण कराना जरूरी है। - ईष्वर प्रसाद लक्ष्में


मंगल भवन का निर्माण अधूरा है, रिकार्ड मानता है इसे पूर्ण



मंगल भवन 
सारंगढ़। विधान सभा क्षेत्र सारंगढ़ इन दिनों भ्रश्टाचार का गढ बन गया है। गांव  से लेकर षहर तक सब षासन की रकम डकारने में लगे हुए है। अनु.जाति बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण यहां अ.जा.विकास प्राधिकरण की मद से ढेरों कार्य स्वीकृत हुये है पर विडंबना ये है कि कोई भी काम ऐसा नही जो निधा्ररित मापदण्ड पर खरा उतरे। जनपद पंचायत सारंगढ़ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी ग्राम पंवायतों की हालत लगभग समान हैं। जनप्रतिनिधियों की उदासिनता के कारण से अनेकांे महत्वपूर्ण कार्य योजना क्षेत्र में फैल हो चूका है।

आंगनबाड़ी

ग्राम पंचायत हिर्री के सरपंच द्वारा बनाये गये अनेक निर्माण कार्य गुणवत्ता को ताक में रख कराये गये है। हिर्री के आश्रित ग्राम सुवाताल के मंगल भवन का निर्माण अधूरा है पर हैरत की बात है कि जनपद पंचायत का रिकार्ड इसे पूर्ण मानता है। जबकि यह भवन रायगढ़-सारंगढ़ मार्ग पर सड़क किनारे ही निर्मित है। आर.ई.एस. विभाग के उपयंत्रीयों ने आंख मूद कर मुल्यांकन किये है जिस कारण से अपुर्ण कार्य को पूर्ण बताया जा रहा है इसी प्रकार क्षेत्र के अनेक निर्माण कार्य भी इसीतर्ज पर लटका पड़ा है। वहीं स्कूल प्रांगड़ के अंदर आंगनबाड़ी का निर्माण हुआ है पर यह भी पूर्ण नही है जिस कारण आंगनबाड़ी केंद्र कार्यकर्ता के घर पर लग रहा है। 

रामकूमार जांगड़े
इस बारे में ग्राम के रामकूमार जांगड़े ने बताया कि  पिछले सात साल से मंगल भवन अधूरा है कई बार षिकायत किये पर कुछ नही हुआ अब तो पंचायत पर से भरोसा उठने लगा है जो भी बनता है सिर्फ अपना ही जेब भरने में लगा है। आंगनबाड़ी केन्द्र भी बना है पर कोई काम नही आ रहा है कार्यकर्ता केन्द्र का संचालन अपने घर पर करती है जिससे बच्चों को परेषानी हो रही है।

कहां खो गया 12वीं का अंकसूची


सारंगढ। नगर के षासकीय बहुद्धेषिय उच्चतर माध्यमीक षाला में 12वीं के अंकसूची वितरण में लापरवाही का मामला प्रकाष में आया है। पता चला है कि स्कूल से कई छात्रों को अब तक कक्षा 12वीं का अंकसूची नही दिया गया है। जिससे छात्रों को आगे पढ़ाई जारी रखने में परेषानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल प्रबंधन के इस लापरवाही से छात्रों की भविश्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। अंकसूची के अभाव में छात्रों को टी.सी. निकालने व कालेज में भर्ती होने में दिक्कत हो रही है। कक्षा 12वीं के परीक्षा में स्वाध्यायी छात्र के रूप में परीक्षा दिलाये विवके कुमार महेष ने पत्रिका को बताया कि स्कूल में कई बार पता किये है पर कोई ठिक ढंग से जवाब नही देते है रिजल्ट आने के बाद से हम अंकसूची की मांग कर रहे है पर कहा जाता है कि बोर्ड से नही आया है। जल्दी ही आ जायेगा लेकिन अब तक नही मिला है। सारंगढ़ षिक्षा विभाग में अनियमितता थमने का नाम नही ले रहा है। सुत्रों ने बताया कि यहां 30-35 छात्रों को अंकसूची नही मिला है। अंकसूची के अभाव में छात्रों को भारी परेषानी हो रही है। खण्ड षिक्षा अधिकारी के अड़यल रवैये के कारण यहां अनेक समस्याओं ने जन्म ले लिया है बताया जा रहा है कि तबादले ने विभाग के काम काज को चैपट कर दिया है। स्कूल के एक प्राध्यापक को हाल ही में बी.आर.सी. बनाया गया है जिसके प्रभार में ही अंकसूची बोर्ड से लाया गया था अब नये पद में आने के बाद साहब अंकसूची की बात भूलगये है। इससे कई छात्रों को भविश्य की चिन्ता सताने लगी है। इस मामले पर खण्ड के षिक्षा अधिकारी से बात करने की कोषिस की गई पर मोबाईल को छोटे भाई ने उठाया और साहब दौरे पर है कह कर फोन काट दिया जो चिन्ता जनक है । यहां के अधिकारी कर्मचारी पूर्णतः निरंकुष हो गये है जिससे इस प्रकार के लापरवाही आम हो गई है।

बिजली करेंट की चपेट में आने से युवक की मौत




पिण्डरी। ग्राम पंचायत हिर्री के जयप्रकाष खुटे पिता केवल प्रसाद उम्र 28 वर्श जो कि दूसरे की खेत में काम करने गया हुआ था। जिसकी दोपहर करिब 12 बजे के समय बिजली तार से चिपक जाने के कारण खेत मेें ही मौके पर मौत हो गई। प्रत्यक्ष दर्षियों ने बताया कि लड़का घर से अपने बोर कनेक्षन को सुधारने के लिये खेत पर गया था बताया जाता है कि उस समय बिजली गोल थी लेकिन जैसे ही बिजली तार को हाथ लगाया वैसे ही लाईन आ गइ्र्र और करेंट में चिपक जाने से वहां अफरातफरी मच गया।
     लोगों ने मौके की नजाकत को समझ कर टांस्फार्मर से जैसे तैसे करके बिजली गोल किया और  जयप्रकाष के षरीर को बिजली तार से अलग कर अस्पताल लेजाया गया जहा पर उनकी मौत हो गई। उनकी मौत की खबर से क्षेत्र मेें सनसनी फैल गई है लोगों को यकायक यकिन ही नही हो रहा था कि कुछ देर पहले हसता हुआ गया था और अचानक ही उनकी दुखद अंत हो गया मृतक के परिवार में उनकी पत्नि व दो बच्चे है जिनका जीवन अब अंधकार में चला गया है।
     गांव गांव में लापरवाही पूर्वक बिजली के तार से खिलवाड़ किया जाता रहता है लोगों ने अपने मर्जी से तार को जहां तहां रखते है उनकी इस लापरवाही ने आज एक युवक का जान ले लिया है। उनकी अकाल मृत्यु से गांव में सन्नाटा पसर गया है।

बीमारी से तंग आकर युवक ने लगाई फांसी


पिण्डरी।19-08-12
ग्राम पंचायत खुर्सी में आज तड़के फांसी की खबर लगते ही गाव में सनसनी फैल गई लंबी बिमारी से तंग आकर प्यारे लाल टंडन उम्र 32 वर्श नें देर रात अपने ही घर के कमरे में लगे छत पंखेे में लुग्ंाी लपेट कर अपनी ईहलीला समाप्त कर ली !
ग्रामीणो ने बताया की मृतक प्यारे लाल टी.बी की बीमारी का इलाज कराते - कराते थक चुका था ! इस बीमारी से मृतक प्यारे लाल टण्डन पिता धनउ राम टण्डन ने यह रास्ता अपनाया। उनके परिवार में पत्नि व तीन बच्चे है। उनकी मौत ने गांव में दहषत फैला दी है। कुछ लोगों ने उनकी मौत को गहरी हताषा में लिया गया निर्णय बताया है वहीं कुछ लोगो ने उनकी मौत पर षंदेह ब्यक्त करते हुये बताया कि एक दिन पहले वह अपने ससूराल गया था पता नही वहा क्या घटीत हुआ जो अचानक उन्हे मौत को गले लगाने पर विवष कर दिया। पूलिस को सूचना दी गई तथा उनके षव को पोस्टमार्डम के लिये सारंगढ़ अस्पताल भेजा गया तत्पष्चात षव को उनके परिजनों को सौप दिया।

शनिवार, 11 अगस्त 2012

भ्रश्टाचार पर अंकुष लगाने के लिये...


सारंगढ़। सरकार ने भ्रश्टाचार पर अंकुष लगाने के लिये सुचना का अधिकार एवं लोक सेवा गारंटी अधिनियम लागू कीये है तथा षासकीय योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिये अलग से राशी भी सरकार द्वारा आंवंटित की जा रही है। इन सबका आषय है कि कार्य में पारदर्षिता हो और जनता के बिच सूचना का आदान प्रदान हो सके। लेकिन सारंगढ़ जनपद क्षेत्र इससे अछूता नजर आता है। सरकार के काम काज को पारदर्षी बनाने के योजना को मूर्तरूप देने के बजाय यहां के अधिकारी कर्मचारी निर्माण व विकास कार्यों से संबंधित सूचना बोर्ड तक लगाना जरूरी नही समझते है। इससे साफ पता चलता है कि कार्य योजना से संबंधित जानकारी जनता से छूपाई जा रही है। जिस कारण से स्व.हित में लगे नेताओं की षह पर आधे अधूरे कार्य संपादित कर लोगों को गुमराह किया जा रहा है इससे विष्वसनिय छत्तीसगढ़ की विष्वसनियता पर सवल उठने लगा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे अधिकांष कार्यो में सूचना बोर्ड नही लगा है निर्माणकर्ता ठिकेदार से पूछने पर गोलमोल जवाब मिलता है और खबर प्रकाषित होने पर भोले भाले ग्रमीणों को डरा धमका कर मामले को लेदे के निपटाया जाता है इससे गांव में भय और आतंक का आलम है। सत्ता पक्ष के नेताओं की दबंगाई और ठिकेदारों से साठ-गाठ ने भी जन आवाज को दबाने का काम किया है। विकास खण्ड सारंगढ़ में एसे कई पंचायत है जहां करोड़ों रूपये के विकास कार्य हो रहे है और कई ग्राम पंचायत ऐसे भी है जहां लाख रूपये का भी काम नही हुआ है। ऐसा इसलिये ह,ै क्योंकि सरपंचों से कार्य स्वीकृत कराने के नाम पर सत्ता के दलाल मोटी कमिषन लेते है जो सरपंच आर्थिक रूप से सम्पन्न है वे पहले कमिषन देते है और काम लेते है इसमे गरीब तबके का सरपंच पिछे रह जाता है जिस कारण ग्राम पंचायत में विकास कार्य नही आ पाता।
एक सरपंच ने नाम नही छापने के षर्त पर बताया कि कार्य प्रारंभ कराने के नाम पर मिलने वाली प्रथम किस्त में ही कमिषन देना पड़ता है। जिससे कार्य प्रारंभ कराने में आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि इस मद का राशि उस मद में और उस मद का राशि इस मद में खर्च करना पड़ता है। और ऐसे में किसी ने षिकायत कर दिया तो कर्ज लेने की नौबत हमारे सामने होती है। एक महिला सरपंच ने बताया कि काम पुरा होने से पहले ही कार्य पूर्णता के कागज में दस्तखत कराने का दबाव बनाया जाता है, इसके बाद जब पैसा निकालने के लिये जाते है तो उधारी वाले बैंक के पास से ही पिछे पड़ जाते है। गाव के मजदूरों का पैसा कहीं और चला जाता है हम अकारण बदनाम होते है। असली भ्रश्टाचार करने वाले तो सत्ता की आड़ में बच जाते है और बिना गलती के ही हमें गांव में विरोध सहना पड़ता है।
सवाल शुरू होता है खुद से ‘क्या हमने कोई काम ले-दे कर करवाया है ?’ बस, देश में रिश्वत के स्तर और समाज में उसकी मान्यता का अंदाजा यहीं से लग जाएगा। चाय पानी, सुविधा शुल्क, कमिषन, घूस और न जाने कितने नामों से प्रचलित रिश्वत हमारी प्रणाली में घुन्न की तरह लगी और बढती चली जा रही है। न तो रिश्वत नयी बात है और न ही हमारे देष में इसका होना कोई अजूबा। बीते वर्षों में यहां इसका प्रचलन जिस तरह से बढा है और यह धारणा बनी है कि कोई काम बिना लिए - दिए नहीं होगा, वह चिंताजनक है। भ्रष्टाचार करने वाले हजार के नोटों की तरह बढ़ रहे हैं और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले चार आने आठ आने की तरह गायब हो रहे हैं। रही सही कसर उचित समुचित कानूनों के अभाव ने पूरी कर दी है। इन बिगड़े हालात का कोई समाधान नजर नहीं आता। ‘रिश्वत लेते पकड़े जाने वाले, रिश्वत देकर छूट जाते हैं’- यह एक कड़वा सत्य है।



हरदी मे जन्माश्टमी की धुम

गांव गांव में रही आठे कन्हैया की धूम


सारंगढ 10 अगस्त। हरदी बस स्टैंड पर स्थित श्री राधाकृश्ण मंदीर मे कृश्ण जन्मोत्सव धुमधाम से मनाया गया, मंदिर मे दोपहर से रात भर भजन किर्तन कार्यक्रम रखा गया है। प्रतिवर्श मनाये जाने वाले इस पर्व में गांव के लोगो ने उत्साह व श्रद्धा के साथ भाग लिया। इस अवसर पर विषेश रूप से भाजपा युवा नेता दीनानाथ खुंटे, सरपंच श्रीमति रेवती पटेल, पंच पूरन, पत्रकार साथीगण संदीप यादव, हरिनाथ खुंटे, नरेष चैहान, पूर्व सरपंच कार्तिकेष्वर, भाजपा मंडल उपाध्यक्ष लखन वर्मा, युवा मोर्चा कार्यकर्ता अजय यादव, संजय यादव, राकेष खुंटे, दिनबंधू, संतोश चैहान, सहित कार्यक्रत के आयोजक हीरालाल पटेल, भुनेष्वर पटेल, हेमलाल पटेल सहित भारी संख्या मे श्रद्धालु मौजुद रहे।



सारगढ़।
कृश्ण जन्मोत्सव पर्व को यादगर बनाने गांव महकमपुर मे लोगो ने नंगमत कार्यक्रम आयेजित कर धुम धाम से कन्हैया का जन्मदीन मनाया गयाा,
 नंगमत मे मंदिर कि थाप व नाग देपता के आगमन हेतु गाय जाने वाले मंत्रो के प्रभाव मे स्कूली छात्रो के भितर भी रोमांच भसर दीया और वे एक एक कर के झुपने लगे। कोई कहता है कि षेशनाग आ गया तो कोई कहता है कि डोढयिा है, एक व्यक्ति का तो षिव बाबा ही सवार हो गया जिसके लिए विषेश व्यवस्था करना पडा तब जाकर वह षांत हुआ वही एक लकडा अजगर के अकडने लगा, बाद मे उसे गुरू ने षांड से सार मार कर षांत किया। नंगमत का यह आयेजन कृश्णाजन्मोत्सव पर आयोजित किया गया रात्रि दो बजे कृश्ण के जन्मोपर्तांत कार्यक्रत का समापन किया गया। उक्त कार्यक्रम मे निम्न लोग बैगा तिजराम, साधु निराकर, मांदर वादक मोहित घोसो गुरू, झांझ भजोराम निल कुमार,रामलाल पुनिराम सहित ग्रामवासी भारी संख्या मे उपस्थित रहे।










सोमवार, 6 अगस्त 2012

अवेध रूप से देषी षराब की बिक्री धड़ल्ले से

सारंगढ़। 
थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अधिकतर गांवों में जमकर हो रहा है अवेध रूप से देषी षराब की बिक्री। सारंगढ़ से रायगढ़ मार्ग के सड़क किनारे बसे गांवों में अवेध रूप से देषी षराब की बिक्री धड़ल्ले से जारी है और आबकारी विभाग आंखे मुदे हुए है। एक तरफ जहां सरकार षराब की बिक्री बंद कराना चाहती है वही राज्य के आदिवासी व सतनामी बाहुल्य गांवों में षराब माफिया अपनी अलग सल्तनत बनाये हुए है। और रात दिन गांव के भोले भाले लोगों को पैसे कि लालच में अवैध षराब बेचने विवष किया जा रहा है। अवैध षराब बिक्री के बारे में जब अधिकारियो से बात की गयी तो वे भी इस बात को स्वीकारते दिखे की क्षेत्र में अवैध षराब की बिक्री हो रहा है। बावजूद इसके कोई अधिकारी इन माफियाओ पर नकेल कसने में सक्षम नही है। हालांकि कहि कहि पर महिला स्व.सहायता समूह के बहनों ने षराब माफियाओं के बढ़ते कदम पर कुछ हद तक लगाम जरूर लगाया है। सुत्रों से मिली जानकारी अनुसार नगर से 12 कि.मी. दूर रायगढ़ रोड में गोड़म पंचायत में देषी षराब धड़ल्ले से बेखौफ बेचा जा रहा है। बताया जाता है कि यहां सभी प्रकार की षराब मिल जाती है। बस सर्त ये है कि किसी को बताना नही है।

विकास खण्ड में छात्रवृत्ति के लाखें रूपए अटके


सारंगढ़। 
शासन द्वारा सभी सरकारी स्कूलों में गरीब बच्चों को छात्रवृत्ति दी जा रही है। लेकिन  सारंगढ़ विकास खंड में सत्र 2010 का अनुसूचित जाति कन्या प्रोत्साहन राशि 17 लाख 500 रुपये की, और अ.जा. वर्ग के कक्षा 11वीं-12वीं में पढ़ रहे छात्रों की 14 लाख रू. से अधिक की छात्रवृत्ति राशि रूके होने का मामला प्रकाश में आया है।
 छत्तीसगढ़ के निजी और षासकीय विद्यालयों में शिक्षा प्राप्त कर रहे विभिन्न वर्ग के नियमित विद्यार्थियों को शासन द्वारा शिक्षा ग्रहण करने के लिए छात्रवृति के रूप में आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है। विभिन्न वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के रूप में दी जाने वाली सुविधा में खण्ड के षिक्षा अधिकारी के गैर जिम्मेदाराना कार्यप्रणली से कई स्कूलों के छात्रवृत्ति के लाखें रूपए अटके हुए हैं। जानकारी मिली है कि विकास खण्ड के अनेक विद्यालयों में ग्यारहवीं - बारहवीं के विद्यार्थियों को दो सत्र बीत जाने के बाद भी अब तक छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिला है।
सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़ विकास खण्ड में कई वर्षो से छात्रवृत्ति नही मिली है। पालक मिलिंद कुमार डेडिड, यादराम लहरे, कुमारमणी हरिप्रिय ने बताया कि पिछले दो वशों से बड़े हरदी के जन भागीदारी हायर सेकेडरी स्कूल में अध्ययन किये छात्रों को अब तक छात्रवृति नही मिला है। मेरा लड़का भी उनमें षामील है। उन्होंने समय पर छात्रवृति नही मिलने से बच्चों कि कीताब-पुस्तक  खरीदने में हो रही परेषानियो को बताया।
छात्रवृति प्रभारी ए.के. साहू 
इस संबंध में पत्रिका संवाददाता दीनानाथ खुंटे ने खंड के छात्रवृति प्रभारी ए.के. साहू से पड़ताल की जिससे ज्ञात हुआ कि नये सत्र के लिये अनुसूचित जाति के कक्षा 6वीं-8वीं की छात्रवृति राशि 4 लाख 14 हजार 500 रूपये, एवं कक्षा 11वीं-12वीं की छात्रवृति राशि 21 लाख 73 हजार 680 रूपये, अनुसूचित जन जाति के कक्षा 11वी-12वी छात्रों की छात्रवृति राशि 3 लाख 4 हजार 82 रू. ओ.बी.सी. वर्ग के कक्षा 6वीं-8वीं की छात्रवृति राशि 7 लाख 77 हजार 690रू. एवं कक्षा 9वीं-10वीं की छात्रवृति राशि 5लाख 48हजार 505 रू. का चेक खण्ड षिक्षा कार्यालय को प्राप्त हो गया है। उन्होने बताया कि सत्र 2010 की अ.जा. वर्ग की राशि अभी नही मिला है। जितने का चेक मिला है उतने का जल्दी भूगतान किया जायेगा।

गौण खनिज की राशि विवादित



सारंगढ़।
जनपद पंचायत क्षेत्र में गौंण़ खनिज मद की राशि रूके होने का मामला तूल पकड़ने लगा है। बताया जा रहा है कि भाजपा के जनपद सदस्यों ने जिला कलेक्टर से षिकायत के आधार पर पूरे 5 करोड़ की विकास निधि पर रोक लगवा दिये है। जिससे खनन प्रभावित क्षेत्रों का विकास रूक गया है। विदित हो कि गौण खनिज का मद ही सारंगढ़ नगर पंचायत को सर्वाधिक विवादित बनाया हुआ है। इस मद से निर्माण कार्य स्वीकृत करने के नाम पर 30 प्रतिषत तक की कमिषन देने के लिये सरपंच गण सहर्श तैयार रहते है।
यहि कारण है कि इस मद पर सभी जनप्रतिनिधि का ध्यान रहता है।
गौरतलब है कि गौण खनिज की राशि से अब तक एक भी दिखाने लायक काम क्षेत्र में नही हुये है। इस मद से जो भी कार्य हुये है सभी में गोलमाल किया गया है जिसकी लंबी षिकायतें भी हुई है। लेकिन जांच के नाम पर विकास कार्य रोक देना कहा तक सही है। जिसने गलती किया उसे सजा मिलनी चाहिये। लेकिन ज्यादातर मामले ले दे कर निपटा लिये जाते है। लगातार हो रही बारिस ने गांव वालों का जीना मुहाल कर दिया है। खनन क्षेत्र में गांव की आंतरिक सड़क बदहाल है, नालिया जाम और भवनों की हालात जर्जर है। इनके विकास के लिये, मरम्मत और निर्माण के लिये ही गौण खनिज की रायल्टी प्राप्त होती है पर क्षेत्र में स्वार्थी तत्व के राजनिति में हावी हो जाने के कारण गांव की मूलभूत समस्या यथावत बनी हुई है।
जिले के कलेक्टर अमित कटारिया से क्षेत्र के लोगों ने अपिल किया है कि जनहित में गौण खनिज की राशि से विकास कार्य सम्पन्न कराने की पहल करें ।

गौरवपथ की समस्या बनी जी का जंजाल


सारंगढ़।
सडक जाम की समस्या से जूझ रहे सारंगढ़ वासियों को सोमवार के दिन भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पडा, जब रेंजरपारा रायपुर रोड पर घंटों जाम की स्थिति बनी रही।
 रायगढ़-रायपुर मार्ग में षनिवार की षाम 7 बजे एक टेलर फंस गया, जिससे नगर की यातायात ब्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। इस मार्ग में हालात अभी भी नही सुधरा है। इससे क्षेत्र के हजार से अधिक लोग परेशान है। नगर वासियों के लिए सडक जाम की समस्या जी का जंजाल बनती जा रही है। जाम के कारण रायपुर रोड से वाहनों का गुजरना तो दूर पैदल चलना भी किसी बुरे सपने से कम नही है।
रायगढ़-रायपुर मुख्य मार्ग पर रेंजर पारा में बने पुलिया बदहाल है। एन.एच.153 होने कारण स्थानिय विभाग की नियंत्रण से दूर होने के कारण मार्ग अपनी किस्मत पर रो रहा है।
बिलासपुर-सारंगढ़ मार्ग वैसे तो गौरव पथ के नाम से जाना जाता है, पर इस मार्ग की बदहाली विष्वसनिय छत्तीसगढ़ की कलई खोलने के लिये पर्याप्त है। इसे बनाने के लिये निर्माण एजेंसियां कई बार बदल चुकी है लेकिन इस मार्ग का उद्धार नहीं हो सका। इस गौरवपथ निर्माण की गति से सरकारी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
सुत्रों से ज्ञात हुआ कि नगर पंचायत ने बाढ आपदा राशि से गौरवपथ की मरम्मत करानी चाही पर यहां के विकास विरोधियों ने आपत्ति कर इसे षुरू होने से पहले ही बंद करा दिया। फिर मार्ग का निर्माण आज तक शुरू नही हो पाया और मार्ग अब तक अधूरा है।
लगों का कहना है कि चुनाव के समय नेता आते हैं मार्ग पूरा कराने का आश्वासन देते हैं और चुनाव के बाद फिर कभी नहीं आते। क्षेत्रवासी जब इनके पास जाते हैं तो ये रायपुर-दिल्ली में बैठे रहते हैं। जब कभी मिलते भी है तो अधिकारियों से बात करने का कहकर टाल देते हैं। इस सब से क्षेत्रवासी काफी नाराज है और ये नाराजगी आने वाले चुनावों में उभर कर सामने आ जाएगी।