शुक्रवार, 24 अगस्त 2012

छात्रावास भवन खंडहर में हो गया तब्दील


खस्ता हाल हो गई बालक छात्रावास की हालात



सारंगढ़। स्थानिय खेलभाठा मैदान स्थित 50 साल पूराना छात्रावास भवन व कार्यालय संरक्षण के अभाव से खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। बताया जाता है कि 1959 में निर्मित होने के बाद 1960 से यहां छात्रावास संचालित किया जा रहा है। लेकिन आज भवन की हालात खराब है। प्रि.मै. एवं पो. मै. अनुसूचित जाति बालक छात्रावास भवन की स्थिति देखकर पत्रिका टीम ने कहा कि ऐसे में तो जानवर भी नहीं रह पाएंगे। छात्रों से लगातार मिल रहे षिकायतो के चलते बुधवार को छात्रावास का निरीक्षण करने पहुंचे थे। निरीक्षण के दौरान बालक छात्रावास के तीनों खण्डों में कई खामियां सामने आईं। छात्रावास के कमरों में छतों से पानी टपक रहा था। दीवारों से भी पानी रिस रहा था। बालकों के लिए बैठने और सोने के लिए छात्रावास में एक भी कमरा सही हालत में नहीं पाया गया। निरीक्षण के दौरान बालकों ने बताया कि दीवारों से पानी कमरों में आने से पलंग पर बैठकर रात गुजारना पड़ता है। उन्होंने बताया कि गीली दीवारों से करंट आने का खतरा हमेशा बना रहता है। छात्रावास के बरामदे की छत जगह-जगह से टपक रही थी, जिससे बालकों को कमरे से बाहर निकलने में भी परेशानी होती है। छात्रों ने बताया कि बिजली कटौती के बाद अंधेरे में रहना पड़ता है। छात्रावास के आसपास बारिश का पानी जमा होने से मच्छरों की भरमार है। वहीं जहरीले जीव-जंतुओं का भी खतरा बना रहता है। ग्रामीण अंचल के प्रमुख युवा नेता दीनानाथ खुंटे ने भी छात्रावास की दयनीय स्थिति देखकर इस संबंध में कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि छात्रावास की मरम्मत किए सालों हो गए, जिसके कारण छात्रावास की छत और दीवारें कमजोर पड़ गई हैं।





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