सोमवार, 20 अगस्त 2012

मंगल भवन मे संचालित हो रहा है छर्रा का हाई स्कूल


 54 लाख की प्रषासकीय स्वीकृति पर बोर्ड लगाना जरूरी नही समझा


सारंगढ़। आजादी को 65 वां वर्श पूर्ण हो गया परन्तु हमारे देष मे आज भी षिक्षा और षिक्षा के बुनियादी सुविधाओ से छात्र कोसो दूर है। आजादी के बाद कई सरकार आई और चली गई परन्तु देष के भविश्यो पर किसी का ध्यान नही गया। षिक्षा के स्तर को बढाने के लिये केन्द्र व राज्य सरकारो द्वारा न जाने कितनी योजनाऐ बनाई गयी परन्तु जमीनी स्तर पर आज भी हमारा हाल जस का तस बना हुआ है। सारंगढ तहसील के अंर्तगत ग्राम पंचायत छर्रा मे षासकीय हाई स्कूल भवन का निर्माण कार्य पी.डब्ल्यू.डी. की देखरेख में कछुवे की गति से चल रहा है। जिस कारण से यहां के छात्र मंगल भवन और पंचायत भवन मे पढाई करने को मजबुर है।
वहीं प्राथमीक व माध्यमीक षालाओं के अतिरिक्त भवन का निर्माण कार्य भी पिछले चार सालों से लटका पड़ा है। सुत्रों से ज्ञात हुआ कि पंचायत के सरपंच द्वारा अतिरिक्त भवन बनाने के लिये राशि आहरण किया जा चूका है। परन्तु सरपंच के द्वारा अभी तक बाकी निर्माण कार्य को पूरा नही किया गया है। विदित हो कि यह स्कूल भवन पिछले कई वर्शो से आधा बना पडा है कई बरसात के पानी से स्कूल के दिवारो के ईटो पर काई जम चुकी है।
अधुरे निर्माण कार्य को बिना जांचे परखे मुल्यांकन करने वाले अधिकारीयो की देन है कि आज गरीब परिवार के बच्चे फूटपाथ मे पडाई कर रहे है औॅर रसुकदार परिवार के बच्चे बडे बडे पब्लिक स्कूलो मे पड रहें है। वैसे तो मंगल भवन मे संचालित इस विद्यालय मे कई षिक्षक है जो खुद ही बदहाली का मार झेल रहे है। सरपंचो द्वारा कार्य न करा पाने कि सजा बच्चो को मिल रहा है।

गौरतलब है कि जहां एक ओर सरकार षिक्षा के क्षेत्र को बढाने के लिए करोडो अरबों पैसा पानी की तरह बहा रहा है तो दुसरी ओर स्कुली छात्रो को आज तक बुनियादी सुविधा नही मिल पाई है।

क्या कहते है ग्रामीण-
स्कूल भवन निर्माण में घटिया इ्रंट खपाई जा रही है जिससे भवन की मजबूती खतरे में है। मंगल भवन और पंचायत भवन में पढ़ाई करने छात्रों को बेहद परेषानी हो रही है। भवन निर्माण षिघ्र पूर्ण कराना जरूरी है। - ईष्वर प्रसाद लक्ष्में


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