सारंगढ़। विकासखंड में प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं के अंषकालिन स्वीपरों को मानदेय ही नहीं मिल पाया है। एक-दो नहीं बलिक सात माह अंषकालिन स्वीपरों ने बिना मानदेय के ही निकाले। बजट आने के बावजूद इन स्वीपरों के चेक नहीं दिए जा रहे हैं। ऐसे में अंषकालिन स्वीपर परेशान हैं। स्वीपर की नौकरी अस्थायी होने से शिकायत भी नहीं कर पा रहे हैं। संबंधित विभाग के अनुसार जल्दी ही भुगतान होगा।
गौरतलब है कि सारंगढ़ विकासखंड की विभिन्न प्राथमिक व माध्यमिक विधालयों में अनेक युवक बतौर अंषकालिन स्वीपर की सेवाएँ दे रहे हैं। चूँकि इनके मानदेय के भुगतान का अधिकार विकासखंड शिक्षा अधिकारी को है। ऐसे में अधिकारी के कार्यालय से हो रही लापरवाही के कारण कर्इ अंषकालिन स्वीपर अपने मानदेय से वंचित रह गए हैं। अंषकालिन स्वीपरों ने नाम प्रकाशित नहीं करने के आग्रह पर बताया कि हम लंबे समय से सेवाएँ दे रहे हैं किंतु मानदेय का भुगतान नहीं हो रहा है।
इसकी वजह यह है कि वहाँ प्राचायोर्ं को राशि आहरण का अधिकार नही है, परिणामस्वरूप विकासखंड के अंषकालिन स्वीपरों के समक्ष आर्थिक तंगी की सिथति बन गर्इ है।
अंषकालिन स्वीपर संघ के अध्यक्ष अजित कुमार मिरी ने बताया कि बहुंत दिनों सें वेतन नही मिलने के कारण घर में भूखमरी की नौबत है पहले दैनिक मजदूरी करके गुजर बसर कर लेते थे, पर अब यहीं काम कर रहें है इस कारण परिवार का आर्थिक स्वरूप बिगड़ने लगा है। जल्द ही वेतन नही दिया गया तो अंषकालिन स्वीपर संघ आंदोलन के लिए मजबूर होगा।
इस संबंध में विभाग के सह. षिक्षा अधिकारी चेतन पटेल ने बताया कि बजट प्राप्त हो चुका है, बिल व्हाउचर बनाया जा चूका है, जल्दी भूगतान किया जायेगा। जिन अंषकालिन स्वीपरों का मानदेय नहीं मिला है, उनके चेक बना दिए जाएँगे। कुछ अंषकालिन स्वीपरों के मानदेय के चेक बना भी दिए हैं। उन्होने बताया कि खण्ड षिक्षाधिकारी के स्थानातरण होने के कारण भूगतान में विलंब हुआ है।
जनपद पंचायत सारंगढ़ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जदुवीर सिंह राम ने कहा कि मामला षिक्षा विभाग का है इस कारण इसकी जानकारी मुझे नही है। अच्छा होगा कि आप षिक्षा अधिकारी से जानकारी ले लें ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें