सारंगढ़ । सतनामी विकास परिशद सारंगढ़ में सामाजिक संगठन के पदाधिकारियों का सर्व सम्मति से निर्विरोध चयन किया गया। समाज के लोग परिशद को क्षेत्र की राजनीति में कितना महत्वपूर्ण मानते है, इसका सबसे बड़ा प्रमाण यही है कि यहां टूकड़ो में विभाजित सतनामीयो को एकत्र कर पाने की कोई पहल किसी भी स्तर पर नही की जा रही है। बहुजन समाज पार्टी इन दिनों अलग अलग गुटों में विभाजित है बसपा के प्रदेष उपाध्यक्ष बहन कामदा जोल्हे अपने चार पांच समर्थकों के साथ बसपा को पार लगाने का असफल प्रयास कर रहीं है। दूसरी ओर जनपद अध्यक्ष के पति पूर्व मंडी अध्यक्ष ष्यामसुन्दर रात्रे अपनी परिशद में सामाजिक सक्रीयता सेे सारंगढ़ भाजपा में पुनः वापसी की संभावनाओं के साथ जोड़ कर चल रहे है। तिसरी ओर कांग्रेस का वह उपेक्षित तबका है, जो वर्तमान प्रभावषाली नेताओं द्वारा कुचला जा चुका है। परिशद अपनी तीन टांग लगातार फसाता रहता है। समाज में कुछ वरीश्ठ नेता एसे भी है, जो केवल समाज के साथ होने के कारण लगातार पीसे जा रहे है।
यह कहना कि सतनामी परिशद अपनी दिषा खो रही है, गलत होगा, लेकिन यही गलती सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर युवाओं को कमजोर बना रही है। भलाहे सतनामी समाज में परिशद का चुनाव निर्विरोध सम्पन्न हो गया हो लेकिन कार्यक्रम के अंत मे निले रंग के गुलाल को तिलक में स्तेमाल किया गया इससे समाज में दलगत भावना को बल मिली और कई सामाजिक नेता व अधिकारी वर्ग कार्यक्रम से बाहर हट गये। पत्रिका को सूत्रों से मालूम हुआ कि परिशद का निर्वाचन 22 जुलाई को होना था मगर कुछ लोगों की उपस्थिति में इसे नामंकन के दिन 15 जुलाई को ही निर्विरोध चयन कर दिया गया इससे पंजीकृत सदस्य अपने मताधिकार हनन का आरोप लगा रहे है।
ग्राम डोमाडिह के सेवा निवृत्त षिक्षक मेहरूराम बंजारे परिशद के निर्विरोध अध्यक्ष बने, उपाध्यक्ष के लिए ग्राम टेंगनापाली के बौधिश्ठ नरेष बौद्ध तथा सारंगढ़ कन्या छात्रावास अधिक्षिका हेमलता जोल्हे महिला उपाध्यक्ष चुनी गई। ग्राम छर्रा से षिक्षाकर्मी संघ के जगराम लक्ष्में परिशद के सचिव बने व सह सचिव के पद पर ग्राम छिन्द के सामाजिक कार्यकर्ता ढूलेंद्र भारद्वाज का नाम सर्व सम्मती से पास हुआ वही कोशाध्यक्ष के पद पर षिक्षकर्मी संघ के उपाध्यक्ष भागीरथी भारद्वाज का चयन समाज के निर्वाचन अधिकारियों ने आम राय बना कर की।
परिशद के निर्विरोध निर्वाचन को समाज का एक वर्ग अपनी एकता की ताकत बता रहा है तो वहीं विभिन्न राजनीतिक दल से जुड़े लोग इसे समाज को तोड़ने की साजिस के रूप में देख रहे है। सतनाम संदेष यात्रा से चर्चा में आये पिण्डरी के पूर्व उप सरपंच रामदेव कुर्रे ने परिशद चुनाव को ढकोसला बताया उन्होंने कहा कि परिशद चुनाव के लिये चारो प्रत्यासी पिछले एक माह से जन समर्थन जुटाने में लगे थे लेकिन अचानक नाटकीय ढंग से सारे पदाधिकारियों का निर्विरोध चयन किया जाना अनेक संदेह को जन्म देता है। श्री कुर्रे ने कहा कि कुछ लोग परिशद को अपना राजनीतिक हथियार के रूप में स्तेमाल करते है संगठन की आड़ में अधिकारी वर्ग मनमाना करने लगता है। इस कारण समाज के लोगों ने समिति की संरचना को ही नकार दिया है और कोई इस पर भरोसा नही करता है।
पूर्व सांसद गुहाराम अजगल्ले, क्षेत्रिय विधायक पदमा घनष्याम मनहर, भाजपा संगठन के प्रदेष मंत्री प्रेमा अजगल्ले, भाजपा पष्चिम मंडल के दबंग नेता नंदराम लहरे ने परिशद से दूरी बनाये रखा बताया गया कि अंतिम तक वे प्रक्रिया से बाहर ही रहे जो चर्चा का विशय बना रहा। वहीं भाजपा नेता दीनानाथ खुटे भारत भूशण जोल्हे व मनोज लहरे की खमोषी ने सबको हैरान कर दिया।
पूर्व विधायक कामदा जोल्हे की कुषल नेतृत्व का प्रतिफल है जो आज समाज ने झूठा ही सही पर एकता का स्वाद तो चखा। वे पूरे कार्यक्रम के दौरान अपने मोबाईल से फोटो खिंचती रही तथा इस पल को यादगार बनाने के लिये नवनिर्वाचित पदाधिकारियों ने जहां उत्साह में आकर निले रंग की गुलाल का प्रयोग किये तो उनकी अंतस की दलगत भावना सामने आ गई और लोग धिरे धिरे खिसकने लगे अब यह देखना है कि नये पदाधिकारी क्या समाज में एकरूपता ला पाते है या नही।
परिशद की बैठक में मायाराम प्रवीड़, एम.आर. कठौतिया, बी. आर. घृतलहरे,कृश्णचंद भारद्वाज, नंदीनी वर्मा, करमलाल निराला, अंतराम जांगड़े, लोचन प्रसाद जांगड़े, धनियाराम लक्ष्मे, रामसुरत भारद्वाज, फिरत कुर्रे, जमुना वारे सहित समाज के राज महंत व भारी संख्या में सतनामी समाज के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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