सारंगढ़ ,
विधान सभा क्षेत्र सारंगढ़ इन दिनों भ्रश्टाचार का गढ बन गया है। गांव से लेकर षहर तक सब षासन की रकम डकारने में लगे हुए है। अनु.जाति बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण यहां अ.जा.विकास प्राधिकरण की मद से ढेरों कार्य स्वीकृत हुये है पर कोई भी काम ऐसा नही जो निधा्ररित मापदण्ड पर खरा उतरे। जनपद पंचायत सारंगढ़ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी ग्राम पंवायतों की हालत लगभग समान हैं। यहां सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि मोटे कमिषन लेने के उपरांत कार्य हो न हो इसपर ध्यान नही देते है, जिस कारण से अनेकों महत्वपूर्ण कार्य योजना क्षेत्र में फैल हो चूका है।
ग्राम पंचायत पिण्डरी के सरपंच द्वारा कराये गये अनेक निर्माण कार्य गुणवत्ता को ताक में रख कराये गये है। यहां के गलियों में सिमेंट कांक्रीट से निर्मित सड़कें तो बनी है परंतु उनके उपर मिट्टी और काई जम जाने के कारण सड़क पर चलना दुभर हो गया है। बरसात पूर्व गांव की गलियों व नालियों को साफ सुथरा करने के लिये षासन द्वारा पंचायत को मूलभूत की राशि दिया जाता है जिसका पंचायत प्रतिनिधि द्वारा स्वहित में उपयोग किया जाता है। गांव की गलि में बरसात के पानी भर जाने के कारण तथा नाली के अभाव में सड़क में पानी जमा हो जाने से वहां काई जम गया है जिससे आवागमन में बाधा उत्पन्न हो रहा है। वहीं आदिवासी बालक आश्रम षाला पिण्डरी में अव्यवस्था और लापरवाही चरम पर है। विद्यार्थियों की षिक्षा स्वास्थ्य की महत्ता के अनुरूप छात्रावास की सफाई व्यवस्था नही दिखती। भवन के पिछे का दिवाल व बाउंडरीवाल में पानी इस कदर भरा है कि यह जगह गटर में तब्दील हो गया है।
छात्रों की संख्या बढ़ाने की कवायद पर अश्रम शाला की सफाई व्यवस्था पानी फेर सकती है। गांव के नालियों की सफाई भी संतोशजनक नही है। विद्यार्थियों के अलावा आने जाने वालों को पैदल चलते वक्त कचरे से निकलने वाली बदबू के कारण नाक पर कपड़ा रख कर आगे बढ़ना पड़ता है। इस बारे में ग्राम पंचायत के पूर्व उप सरपंच रामदेव कुर्रे ने बताया कि छात्रावास की सफाई के लिये कहने पर अधिक्षक कहता है कि हमारे पास फण्ड नही है, आश्रमषाला के बालक रात में मच्छरों के कारण पढ़ाई करने व चैन की नींद के लिये तरस रहे है। यहां पर नहाने खाने की पानी का भी समस्या है हैंड पंप है पर पानी प्रदुशित हो गई है एक हैंडपंप में समर्सिबल डाल दिया गया है जो कई महिनों से खराब है छात्रों को निस्तारी के लिये आश्रम से दूर तालाब जाना पड़ता है। खण्ड के षिक्षा अधिकारी को इन सब से कोई लेना देना नही है और ना ही कोई जनप्रतिनिधि का ध्यान इस तरफ जाता है यह चिंता का विशय है।
गाव के गली में अनेक स्थलों पर गंदगी पसरी हुई है इससे ग्राम पंचायत पिण्डरी की छवी धूमिल होगी। एसे हालातों के मद्धेनजर स्वास्थ और षिक्षा के क्षेत्र में गंभिरता से काम किया जाना चाहिये। तथा छात्रों में विभिन्न बीमारियों से बचने तथा रोज उत्पन्न होने वाली कई समस्याओ के प्रति जागरूकता लाने की आवस्यकता है.
विधान सभा क्षेत्र सारंगढ़ इन दिनों भ्रश्टाचार का गढ बन गया है। गांव से लेकर षहर तक सब षासन की रकम डकारने में लगे हुए है। अनु.जाति बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण यहां अ.जा.विकास प्राधिकरण की मद से ढेरों कार्य स्वीकृत हुये है पर कोई भी काम ऐसा नही जो निधा्ररित मापदण्ड पर खरा उतरे। जनपद पंचायत सारंगढ़ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी ग्राम पंवायतों की हालत लगभग समान हैं। यहां सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि मोटे कमिषन लेने के उपरांत कार्य हो न हो इसपर ध्यान नही देते है, जिस कारण से अनेकों महत्वपूर्ण कार्य योजना क्षेत्र में फैल हो चूका है।
ग्राम पंचायत पिण्डरी के सरपंच द्वारा कराये गये अनेक निर्माण कार्य गुणवत्ता को ताक में रख कराये गये है। यहां के गलियों में सिमेंट कांक्रीट से निर्मित सड़कें तो बनी है परंतु उनके उपर मिट्टी और काई जम जाने के कारण सड़क पर चलना दुभर हो गया है। बरसात पूर्व गांव की गलियों व नालियों को साफ सुथरा करने के लिये षासन द्वारा पंचायत को मूलभूत की राशि दिया जाता है जिसका पंचायत प्रतिनिधि द्वारा स्वहित में उपयोग किया जाता है। गांव की गलि में बरसात के पानी भर जाने के कारण तथा नाली के अभाव में सड़क में पानी जमा हो जाने से वहां काई जम गया है जिससे आवागमन में बाधा उत्पन्न हो रहा है। वहीं आदिवासी बालक आश्रम षाला पिण्डरी में अव्यवस्था और लापरवाही चरम पर है। विद्यार्थियों की षिक्षा स्वास्थ्य की महत्ता के अनुरूप छात्रावास की सफाई व्यवस्था नही दिखती। भवन के पिछे का दिवाल व बाउंडरीवाल में पानी इस कदर भरा है कि यह जगह गटर में तब्दील हो गया है।
छात्रों की संख्या बढ़ाने की कवायद पर अश्रम शाला की सफाई व्यवस्था पानी फेर सकती है। गांव के नालियों की सफाई भी संतोशजनक नही है। विद्यार्थियों के अलावा आने जाने वालों को पैदल चलते वक्त कचरे से निकलने वाली बदबू के कारण नाक पर कपड़ा रख कर आगे बढ़ना पड़ता है। इस बारे में ग्राम पंचायत के पूर्व उप सरपंच रामदेव कुर्रे ने बताया कि छात्रावास की सफाई के लिये कहने पर अधिक्षक कहता है कि हमारे पास फण्ड नही है, आश्रमषाला के बालक रात में मच्छरों के कारण पढ़ाई करने व चैन की नींद के लिये तरस रहे है। यहां पर नहाने खाने की पानी का भी समस्या है हैंड पंप है पर पानी प्रदुशित हो गई है एक हैंडपंप में समर्सिबल डाल दिया गया है जो कई महिनों से खराब है छात्रों को निस्तारी के लिये आश्रम से दूर तालाब जाना पड़ता है। खण्ड के षिक्षा अधिकारी को इन सब से कोई लेना देना नही है और ना ही कोई जनप्रतिनिधि का ध्यान इस तरफ जाता है यह चिंता का विशय है।
गाव के गली में अनेक स्थलों पर गंदगी पसरी हुई है इससे ग्राम पंचायत पिण्डरी की छवी धूमिल होगी। एसे हालातों के मद्धेनजर स्वास्थ और षिक्षा के क्षेत्र में गंभिरता से काम किया जाना चाहिये। तथा छात्रों में विभिन्न बीमारियों से बचने तथा रोज उत्पन्न होने वाली कई समस्याओ के प्रति जागरूकता लाने की आवस्यकता है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें